
Prayagraj river: प्रयागराज के यमुनापार क्षेत्र की लपरी नदी अब 38 गांवों की जीवनरेखा बनने जा रही है। नदी को उसके पुराने रूप में लौटाने के लिए जीर्णोद्धार की बड़ी तैयारी की जा रहा है। इस कार्य में अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ नदी के दोनों तरफ हरियाली बढ़ाने के लिए व्यापक पौधरोपण भी किया जाएगा।
प्रयागराज की मुख्य विकास अधिकारी हर्षिका सिंह ने नदी के किनारे अतिक्रमण को हटाने और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए पौधरोपण का निर्देश दिया है। लपरी नदी कोरांव से निकलकर टोंस नदी में मिलती है, और इसका प्राकृतिक स्वरूप बहाल करने की दिशा में प्रशासन गंभीर प्रयास कर रहा है।
गौरतलब है कि दो वर्ष पूर्व ही इस 17.5 किलोमीटर लंबी इस नदी के पुनर्जीवन की पहल की गई थी, जिसके तहत मनरेगा योजना से सिल्ट निकासी कराई गई थी।
अब इस परियोजना को और आगे बढ़ाते हुए, प्रशासन की योजना है कि भविष्य में नदी में मछली पालन को बढ़ावा दिया जाए और इसका पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ ही नदी में पूरे साल जल संरक्षण सुनिश्चित करने की रणनीति भी तैयार की जा रही है।
नदी के पुनरुद्धार से न सिर्फ पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि आसपास के गांवों को आर्थिक और कृषि क्षेत्र में भी मजबूती मिलेगी। सीडीओ हर्षिका सिंह द्वारा इस योजना को बहुत प्राथमिकता पर लिया गया है।
Published on:
10 Jun 2025 08:16 am
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