मामले में न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की कोर्ट में फतेहपुर निवासी प्रमोद कुमार की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह प्रसंग सामने आया। याची ने पत्नी को अंकुर नामक व्यक्ति की अवैध निरुद्धि से मुक्त कराने की हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी। पीठ ने महिला का बयान सुन याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने कई किये सवाल मामले में सुनवाई के दौरान पत्नी कोर्ट में उपस्थित हुई तो कोर्ट ने उससे कई सवाल किए। कोर्ट ने पूछा कि क्या उसे किसी ने बंधक बनाया है, तो महिला ने कहा कि उसे किसी ने बंधक नहीं बनाया है। वह दिल्ली में रहकर नौकरी कर रही है। पति उसे परेशान करता है। उसका प्रमोद कुमार से कोई लेना देना नहीं है। सुनवाई के दौरान पति और उसके दोनों बच्चे वैभव (9 वर्ष) और शौर्य (5 वर्ष और एक पैर से दिव्यांग) भी मौजूद थे।
बच्चों को नहीं चाहती रखना हाईकोर्ट ने महिला से पूछा कि वह अपने बच्चों को साथ रखना चाहती है या नहीं। इस सवाल पर महिला न तुरंत इनकार कर दिया। न्यायालय से कहा कि वह बच्चों से भी कोई वास्ता नहीं रखना चाहती है। जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि उसे बच्चों से मिलने नहीं दिया जाएगा, तो महिला ने कहा कि वह बच्चों ने नहीं मिलना चाहती।