रायबरेली के सलोन थाने में तैनात दरोगा एक मुकदमे की विवेचना कर रहा था। इसी हल्के में पकसरावा गाँव के रहने वाले मिसाल अहमद के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसी मामले में हलका दरोगा बाबू खां ने मामले में मदद के नाम पर पैसों की मांग की थी।
गुरुवार को रायबरेली में एंटी करप्शन की कारवाई से हड़कंप मचा रहा। जिले के डीह थाने में सलोन में तैनात दरोगा को दस हजार घूस लेते टीम ने रंगे हाथों दबोच लिया। एंटी करप्शन की टीम दरोगा को अपने साथ लखनऊ ले गई।
जानकारी के मुताबिक सलोन कोतवाली क्षेत्र के पकसरावा गांव निवासी मिशाल अहमद के खिलाफ 6 मार्च 2025 को सलोन कोतवाली में मारपीट का केस दर्ज हुआ था।मामले की विवेचना दरोगा बाबू खां कर रहा था। दरोगा बार बार धमकी दे रहा था कि मामला गंभीर है और गुंडा एक्ट लगने के बाद जमीन भी कुर्क हो सकती है। धारा न लगाने के एवज में दरोगा दस हजार घूस मांग रहा था।
जब कोई चारा नहीं दिखा तब थक हार कर वादी ने एंटी करप्शन लखनऊ में शिकायत की। तय प्लान के मुताबिक मिशाल ने दोपहर में दरोगा को ख्वाजापुर तिराहा पैसा लेने के लिए बुलाया था। इस दौरान पहले से मौजूद एंटी करप्शन के निरीक्षक नुरूल हुदा खान ने टीम के साथ दरोगा को घूस लेते हुए रंगे हाथ दबोच लिया।सीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि एंटी करेप्शन की टीम ने दरोगा बाबू खान को घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
मिशाल अहमद की तहरीर पर दरोगा के विरुद्ध डीह थाने में रिश्वत लेने का मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़ित ने बताया कि धमकी दे दे कर दरोगा ने अब तक 36 हजार रुपये ले चुका था। SP रायबरेली डॉ. यशवीर सिंह ने कहा कि का मामले में केस दर्ज करा दिया गया है। दरोगा के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी की जाएगी।