
mppkvvcl corruption scam in electric sub-stations operating in MP
रायपुर. अंबिकापुर में हुए एनीकट घोटाले की जांच करने के बाद अब EOW भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ चालान पेश करने की तैयारी में जुट गई है। राज्य सरकार से इसकी अनुमति मिलने के बाद अंबिकापुर स्थित स्पेशल कोर्ट में 10 अक्टूबर को उनके खिलाफ चालान पेश किया जाएगा। इस घोटाले में 4 सरकारी अधिकारी समेत 10 अन्य लोग शामिल है। 96 करोड़ के टेंडर घोटाले की शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू ने इसे जांच में लिया था। फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद अब इसका चालान पेश किया जाएगा।
ईओडब्ल्यू SP अरविंद कुजूर ने बताया की भ्रष्टाचार से संबंधित दस्तावेज मिलने के बाद अब उनके खिलाफ चालान पेश किया जाएगा। अंबिकापुर में एऩीकट के 96 करोड़ टेंडर के पेपर्स ही नहीं, बल्कि कवरिंग लेटर तक बदल दिए गए। रायपुर के प्रकाश उपध्याय के खिलाफ ईओडब्लू को गंभीर साक्ष्य मिले। जांच में प्रमाणित हुआ कि में गोलमाल उपाध्याय के इशारे पर हुआ। अंबिकापुर से गाड़ियों में भरकर टेंडर के पेपर्स उपाध्याय के फरिश्ता कांपलेक्स स्थित घर लाए गए। और, वहां कंप्यूटर से नए प्रिंट निकालकर उसे बदला गया।
ईओडब्लू ने इस मामले में अंबिकापुर के चीफ इंजीनियर एसके पाठक, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर पीके जांगड़े, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ओपी चंदेल, ठेकेदार मेसर्स सुनील सिंह अंबिकापुर, मेसर्स नित्यानंद सिंह अंबिकापुर, मेसर्स नुरुल हक अंबिकापुर, मेसर्स उत्तम सिंह सिसोदिया अंबिकापुर, मेसर्स द्वारिका बिल्डकॉन रामाश्रय सिंह, मेसर्स बाब बच्छराज कुंवर कंट्रक्शन शैलेष कुमार गुप्ता अंबिकापुर, मेसर्स कतराज इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी अरुणेंद्र प्रताप सिंह अंबिकापुर और रायपुर के प्रकाश उपाध्याय के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया था। जांच में इन सभी के खिलाफ शिकायत सही पाई गई। अतुल सिंह के खिलाफ अभी जांच जारी है। उनके खिलाफ शिकायत है कि मामले का निबटारा करने के लिए उन्होंने ठेकेदारों से बिचौलिये का रोल किया था। इन ग्यारह आरोपियों में से तीन सरकारी अधिकारी हैं इनके खिलाफ चालान पेश करने के लिए सरकार की अनुमति जरूरी थी। ईओडब्लू ने इसके लिए सरकार को लिखा था।
Published on:
05 Oct 2017 07:29 pm
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