
अभी ऐसा दिखता है बाजार
मालिकाना हक के पहले निगम में जमा करनी होगी बड़ी राशि
अभी तक लीज और मामूली किराए पर चल रही है छोटी-बड़ी दुकानें
रायपुर. (अजय रघुवंशी) शहर के 120 साल पुराने गोलबाजार (Golbazar) की तस्वीर बदलने वाली है, लेकिन इसके बदले व्यापारियों को दुकानों की बड़ी कीमत चुकानी होगी। निगम ने इसे स्मार्ट बाजार (Smart bazar) बनाने का निर्णय लिया है, जिसमें छोटे-बड़े कारोबारियों को दुकानों का मालिकाना हक मिलेगा, लेकिन मालिकाना हक के पहले दुकानों की कीमत और अन्य शुल्क को लेकर निगम और व्यापारियों के बीच तनातनी चल रही है। 20 से ज्यादा बैठकें हो चुकी है, लेकिन बात अभी भी नहीं बन सकी है। अब इस मामले में चैंबर ने भी एंट्री ले ली है। दुकानों की कीमतें 5 लाख से लेकर 1 करोड़ तक जा रही है। गोलबाजार में दुकानों के मालिकाना हक को लेकर निगम और स्मार्ट सिटी ने मिलकर एक प्लान पेश किया, जिसके बाद दुकानों का मूल्यांकन किया गया और दावा आपत्ति मंगाई गई।
महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि स्मार्ट बाजार के रूप में गोलबाजार का कायाकल्प करने को लेकर ड्राइंग-डिजाइन का प्रजेंटेशन व्यापारियों के समक्ष दिया गया है। दावा आपत्तियों का भी निराकरण किया जा रहा है। 15 दिनों बाद एक ओर बैठक गोलबाजार को लेकर बुलाई जाएगी, जो अंतिम बैठक होगी।
गोलबाजार में कुल दुकानें- 579
व्यापारियों की ओर से दावा आपत्ति- 500 के करीब
दुकानों का क्षेत्रफल-80 से 400 वर्गफीट
दुकानों की कीमत-5, 10 लाख, 20,40,50 लाख व 1 करोड़ से अधिक
गोलबाजार के व्यापारियों की मांग
1. विकास शुल्क माफ हो।
2. सिर्फ जमीन की रजिस्ट्री हो।
3. विकास का मॉडल प्रस्तुत किया जाए।
4. रजिस्ट्री के बाद हाउस टैक्स में 10 वर्षों की छूट मिले।
कैसा बनेगा बाजार व्यापारियों ने देखा ड्राइंग डिजाइन
निगम मुख्यालय में आयोजित बैठक में गोलबाजार के व्यापारियों को नगर निगम बाजार विभाग द्वारा बुलवाकर प्रस्तावित स्मार्ट बाजार की ड्राइंग- डिजाइन दिखाया गया। महापौर एजाज ढेबर एवं छत्तीसगढ़ चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी की उपस्थिति में आर्किंटेक्ट मनीष पिल्लीवार ने प्रस्तावित स्मार्ट बाजार गोलबाजार के बारे में व्यापारियों को जानकारी दी। नगर निगम के अपर आयुक्त अरविंद शर्मा ने इस दौरान व्यापारियों के सवालों का जवाब भी दिया।
579 दुकानों के लिए 500 दावा आपत्ति
जानकारी के मुताबिक 579 दुकानों के लिए निगम में अब तक 500 के करीब दावा आपत्ति क्लेम की जा चुकी है, जिसके बाद यह मामला और उलझते जा रहा है। शुक्रवार को महापौर के साथ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पदाधिकारी और गोलबाजार व्यापारी संघ के बीच बैठक रखी गई, जिसमें बैठक बेनतीजा रहा। इधर निगम प्रशासन ने अल्टीमेटम दिया है कि व्यापारी संघ 15 दिन के भीतर मांगों को लेकर प्रस्ताव प्रस्तुत करें, ताकि इसके बाद रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू की जा सकें। दो हफ्ते बाद होने वाली बैठक को आखिरी दौर का बैठक बताया जा रहा है, जिसमें फिर निगम, चैंबर और गोलबाजार व्यापारी संघ के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
अब दावा आपत्ति कल तक
नगर-निगम ने अब 5 फरवरी तक दावा आपत्ति मंगाई है। इससे पहले 25 दिसंबर तक व्यापारियों से आवेदन मंगाया गया था। इस मामले में निगम ने सूचना जारी करते हुए गठित सर्वे समिति एवं मूल्यांकन समिति द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन का प्रकाशन 31 दिसंबर को कर दिया गया था। अधिकारियों का कहना है कि दावा आपत्तियों का निराकरण करने के बाद रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
डवलपमेंट फीस माफ हो
गोलबाजार के व्यापारी अभी भी मांगों पर अड़े हुए हैं। संघ के अध्यक्ष दिनेश साहू, पूर्व अध्यक्ष जोगेंद्र नागवानी ने बताया कि हमारी मांग है कि मालिकाना हक की प्रक्रिया में व्यापारियों से डवलपमेंट और कंस्ट्रक्शन शुल्क माफ किया जाए। दुकानों की नहीं सिर्फ जमीनों की रजिस्ट्री हो। इससे अलावा अन्य मांगों से निगम प्रशासन को अवगत करा दिया गया है।
Published on:
03 Feb 2022 12:49 pm
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