
घरेलू सामानों पर जीएसटी 28 से हुआ 18 फीसदी, पर पैसे एेंठने ग्राहकों को नही दी जा रही जानकारी
रायपुर. जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में महत्वपूर्ण घरेलू सामान जैसे रेफ्रीजरेटर, वाशिंग मशीन,वाटर कूलर, कॉस्मेटिक आदि सामानों पर टैक्स 28 से घटाकर 18 फीसदी कर दिया है, यानि टैक्स में 10 फीसदी की छूट दी गई है, लेकिन बाजार में कई शो-रूम में मुनाफाखोरी की वजह से ग्राहकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
‘पत्रिका’ ने अपनी पड़ताल में पाया कि कई शो-रूम में ग्राहकों को टैक्स में की गई कमी की जानकारी नहीं दी जा रही है, वहीं कई शो-रूम में सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होने की बात कही जा रही है। यह नियम 27 जुलाई से लागू हो चुका है। इस पूरे मामले में अब ग्राहकों को टैक्स दरों में कमी के बारे में जानना आवश्यक है, क्योंकि टैक्स घटने के बाद शो-रूम में पड़े पुराने स्टॉक में टैक्स चोरी का खेल चल रहा है, जबकि अभी कई प्रोडक्ट में नई एमआरपी आने में समय लगेगा। ग्राहकों को यह जानना जरूरी है कि चाहे नई एमआरपी हो या पुरानी एमआरपी, टैक्स रेट कम होने के बाद ग्राहक को इसका लाभ दिया जाएगा।
फ्रिज, वाशिंग मशीन, वाटर कूलर आदि सामानों की खरीददारी करते समय ग्राहकों को बिल जरूर लेना चाहिए, क्योंकि इसी से फर्जीवाड़ा का पता लगाया जा सकेगा, क्योंकि सामानों की एमआरपी में जीएसटी शामिल रहता है, लेकिन बिल में सेंट्रल और स्टेट जीएसटी का अलग से उल्लेख किया जाता है। यदि उपरोक्त सामानों में अभी भी 28 फीसदी जीएसटी लिया जा रहा है तो इसकी शिकायत सेंट्रल और स्टेट दोनों जीएसटी में की जा सकती है।
सीए चेतन तारवानी ने बताया कि टैक्स रेट कम होने के बाद नए टैक्स रेट पर सामान बेचने से दुकानदारों को नुकसान नहीं है। उदाहरण के तौर पर 28 फीसदी टैक्स के साथ दुकानदार ने 10 हजार की वाशिंग मशीन 12800 रुपए में खरीदी, लेकिन बेचते समय इसकी कीमत घटकर 11800 रुपए रह जाएगी, क्योंकि वाशिंग मशीन में टैक्स 10 फीसदी घट चुका है। ऐसे में दुकानदार यदि यह सोचे कि उसे 1000 रुपए का नुकसान होगा, इसकी भरपाई कौन करेगा, तो ऐसा नहीं है, क्योंकि जीएसटी डीलर्स को यह पता है कि यह राशि सरकार के पास क्रेडिट रहती है। जीएसटी सॉफ्टवेयर में भी इसका ऑप्शन है, वहीं दूसरी खरीदारी में इसका समायोजन किया जा सकता है। रिटर्न में भी दुकानदार इस डिफरेंस की बात का उल्लेख करता है।
9.वैक्यूम क्लीनर
4. टैक्स दरों में बदलाव के बारे में पूछे।
विशेषज्ञों ने बताया कि जीएसटी में समय-समय पर ऐसे नोटिफिकेशन आते रहेंगे, जिसके लिए दुकानदारों को तुरंत सॉफ्टवेयर में टैक्स दरों का बदलाव करना चाहिए। यह सुविधा सॉफ्टवेयर में रहती है। सॉफ्टवेयर की गलती से टैक्स अधिक वसूले जाने की मजबूरी नहीं हो सकती। सेल टैक्स वकील विवेक सारस्वत ने बताया कि ग्राहकों को इसकी शिकायत जीएसटी टोल फ्री नंबर पर करना चाहिए साथ ही राज्य सरकार को ऐसे मामलों के लिए एंटी प्राफिटिंग कमेटी का गठन करना चाहिए।
वाणिज्यिक कर विभाग आयुक्त पी.संगीता ने कहा कि जीएसटी के अंर्तगत अलग-अलग प्रोडक्ट के टैक्स स्लैब में बदलाव के बाद ग्राहकों को इसका लाभ मिलना चाहिए। इससे दुकानदारों को कोई नुकसान नहीं है, बल्कि वे डिफरेंट टैक्स को समायोजित करा सकते हैं। महत्वपूर्ण घरेलू सामानों में टैक्स की दरें 28 फीसदी से घटकर 18 फीसदी की गई है।
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Updated on:
04 Aug 2018 06:10 pm
Published on:
04 Aug 2018 08:53 am
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