
फोर्टीफाइड थाने हुए शुरू
Fortified Police Stations: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में 50 करोड़ की लागत से 20 अत्याधुनिक फोर्टीफाइड थानों (Fortified Police Stations)का निर्माण किया गया है। वहीं 43 अन्य थानों को दिसंबर 2023 तक पूरा करने की योजना बनाई गई है।
इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन की टीम निर्माण कार्य पूरा करने में जुटी हुई है। इसके शुरू होने के बाद नक्सल प्रभावित इलाकों के सामान्य थानों को इसमें (Fortified Police Stations)शिफ्ट किया जा रहा है। साथ ही जवानों को अतिरिक्त संसाधन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ताकि नक्सल मोर्चे पर अभियान चलाने के अलावा स्थानीय नागरिकों में सुरक्षा की भावना जागृत की जा सके।
बता दें कि केंद्र सरकार के निर्देश पर देशभर के नक्सली हिंसा प्रभावित राज्यों में 400 से अधिक थाने बनाए जा रहे हैं। 2019 में छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में 63 थानों के निर्माण की शुरूआत की गई है। इस समय अधिकांश थाने का निर्माण कार्य चल रहा है।
प्रत्येक थाना 2.50 करोड़ का
नक्सल प्रभावित इलाकों में 63 फोर्टीफाइड थानों (Fortified Police Stations) का निर्माण 157.50 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। इसकी 60 फीसदी राशि केंद्र और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार खर्च कर रही है। प्रत्येक थाना के लिए 2.50 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
अभेद्य दीवार की तरह थाने
प्रत्येक फोर्टीफाइड थाने (Fortified Police Stations) को 13500 वर्गफीट में बनाया गया है। तीन मंजिला इस इमारत की बाहरी दीवार को डेढ़ फिट मोटी और बाउंड्रीवाल को करीब 10 फीट ऊंची रखी गई है। वहीं दीवारों को कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है, जिससे विस्फोट, गोली, रॉकेट लांचर से किए गए हमले से नुकसान नहीं होगा। वहीं थाना के चारों ओर निगरानी के लिए 12 मोर्चे और टावर बनाए गए हैं। छत पर नाइट विजन कैमरा, सोलर पैनल, जनरेटर और उच्चस्तरीय वायरलेस टावर बनाया गया है। ताकि किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने में मदद मिले। वहीं थाने के भीतर करीब 25 कक्ष, बैरक, विश्राम गृह, आगंतुक कक्ष, विवेचना और गोपनीय बैठक के अलग से कक्ष बनाए गए हैं।
इसलिए जरूरत
फोर्टीफाइड थानों (Fortified Police Stations)को नक्सलियों के मूवमेंट को देखते हुए प्रभावित इलाकों में बनाया गया है। ताकि पुलिस के जवानों को सुरक्षित स्थान पर ठहराने के साथ ही अचानक जरूरत पड़ने पर उनका मूवमेंट कराया जा सके। बता दें कि बस्तर क्षेत्र के कुछ थानों में नक्सलियों द्वारा हमला करने के बाद इसका प्रस्ताव तैयार किया गया था।
थानों का निर्माण
प्रदेश के रायपुर संभाग के गरियाबंद, महासमुंद और धमतरी जिले में 8, दुर्ग संभाग के बालोद, कबीरधाम, राजनांदगांव जिले में 12, सरगुजा संभाग के बलरामपुर जिले में 5 और बस्तर संभाग के कोंडागांव, कांकेर, दंतेवाड़ा, सुकमा, नारायणपुर, बस्तर और बीजापुर जिले में 38 थाने बनाया जाना है। इसमें से महासमुंद, कोंडागांव, कबीरधाम, राजनांदगांव, धमतरी, बालोद और बस्तर संभाग के कुछ जिलों में 20 थाने बनाए जा चुके हैं।
यहां बनेंगे थाने
पवन देव, एमडी, पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन ने कहा, नक्सल प्रभावित इलाकों में 63 थाना बनाया जाना है। इसमें से 20 थाने का निर्माण किया जा चुका है। अन्य थानों को दिसंबर 2023 तक पूरा करने की तैयारी चल रही है।
आरके विज, सेवानिवृत्त डीजी ने कहा, नक्सल क्षेत्र में बनाए जा रहे फोर्टिफाइड थाने (Fortified Police Stations) सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ही उपयोगी और महत्वपूर्ण है। इसे अत्याधुनिक तकनीक से बनाया गया है। जिसके कारण यह अभेद्य किले की तरह मजबूत है।
Published on:
13 Jan 2023 01:22 pm
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