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टावर लगाने के नाम पर 25 लाख ठगे, इस तरह पुलिस ने पकड़ा

कोलकाता में खोल रखे थे ठगी की दुकान, किसानों को झांसे में लेते थे

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टावर लगाने के नाम पर 25 लाख ठगे, इस तरह पुलिस ने पकड़ा

टावर लगाने के नाम पर 25 लाख ठगे, इस तरह पुलिस ने पकड़ा

भिलाई. खेत में टावर लगाने का झांसा देकर किसानों से 25 लाख रुपए की ठगी करने वाले गिरोह के ठग किसानों को मोटी रकम मिलने का झांसा देते थे। एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने सरगना बरुण सिंह से पूछताछ की। उसने बताया कि कॉल सेंटर से नम्बर बल्क में खरीदता था, इसके बाद उसके आफिस में बैठी महिलाएं उस मोबाइल पर कॉल करती थी कि मैं सैलूलर कंपनी से बोल रही हूं। खेत में टावर लगाने 15 लाख रुपए दिया जाएगा। इसके साथ हर महीना 20 हजार रुपए देेंगे। घर में एक नौकरी की तरह पैसे आते रहेंगे। महिलाओं को कामर्शियल चार्ज, एनओसी चार्ज, जीएसटी चार्ज एवं अन्य चार्जेस के बारे मे प्रशिक्षण दिया गया था। एसपी ने बताया कि आरोपी किसानों से पहले डॉक्यूमेंट तैयार करने की बात करते थे। उन्हें बताते थे कि प्रोसेसिंग चार्ज 60 हजार रूपए लगेगा। लोगों का विश्वास जीतने किस्तों में रकम देने की बात करते थे। इस तरह किसान उनके झांसे में आ जाते थे। पाटन के किसान ने किस्तों में 59 हजार 460 रुपए गंवाया।

एसपी पल्लव ने बताया कि पाटन के तेजेन्द्र चक्रधर ने 59 हजार 460 रुपए ठगी की शिकायत की थी। जांच के लिए साइबर सेल डीएसपी प्रभात कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की गई। मामले में जब जांच शुरु की तो पता चला कि आरोपी कई किसानों से ठगी कर चुके हैं। एसपी ने बताया कि मोबाइल लोकेशन ट्रेस करने पर पता चला कि ठगी करने वाले पश्चिम बंगाल 24 परगना में कॉल सेंटर ऑफिस चला रहे हैं। रकम का ट्रांजेक्शन बैंक एकाउंट एसबीआई, एचडीएफ सी, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा से ट्रांजेक्शन किया है।
यहां के किसान हुए ठगी के शिकार: छत्तीसगढ़ से कर्वधा एक किसान से 21 लाख रूपएए धमतरी के किसान से 3 लाख 36 हजार रुपए, दुर्ग धमधा के किसान से 90 हजार रुपए, मध्य प्रदेश सिवनी के एक किसान से 38 हजार 460 रुपए की ठगी की है।

एसपी ने बताया कि सरगना बिहार मोतिहारी निवासी बरुणसिंह (39) 12 वीं पास है। वह ग्राफिक डिजाइन का काम करता था। वर्ष 2008 से 2017 तक सिक्यूरिटी इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड में ग्राफिक डिजायनर रहा। 22 हजार 500 रुपए उसकी कमाई थी। यह काम छोड़ कर ऐवर फेस मार्केटिंग प्राइवेट कंपनी की आड़ में टावर लगाने ठगी का काम शुरू किया। टावर का काम उसने विनायक इन्फोटेक कंपनी और मंडल इन्टरप्राईजेस से सीखा। वर्ष 2018 में 7 हजार रुपए के किराए पर आफिर खोला। एयरटेल कंपनी का कॉल सेंटर बनाकर मैनेजर दीपिका महल, स्नेहा पाल, आसिमा राय को ठगी का काम करने के लिए रखा। ग्राहकों से बात करने मोबाइल और डायरी रखते थे। फिर लोगों को काल कर ठगी करने लगे। कब्जे से 44 मोबाइल, 22 डायरी और एक बाइक जब्त किया है।