
सैकड़ोंं अनाथ बच्चों के नाथ हैं श्यामसुंदर, हजारों बच्चों को दे चुके हैं नई जिंदगी
देवभोग। कहावत है कि जो अनाथ होता है उसका नाथ (भगवान) होता है। ऐसे ही नाथ की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं। ओडिशा के धर्मगढ.ा ब्लॉक के रहने वाले श्याम सुंदर जाल (60) सैकड़ोंं अनाथ बच्चों के नाथ हैं। पिछले 42 वर्षों से श्याम सुंदर धर्मगढ़ ब्लॉक के घमारीगुड़ा गांव में अपनी स्वर्गीय मां जसोदा जाल के नाम पर अनाथ आश्रम चला रहे हैं। अब तक एक हजार से ज्यादा अनाथ बच्चों को नई जिंदगी दे चुके हैं। अनाथ बच्चों को पढ़ा-लिखाकर उनके पैरों पर खड़ा कर दिया है। 37 अनाथ लड़कियों की शादी भी करा चुके हैं, जबकि 17 अनाथ लडक़ों की शादी करवाकर बहू भी ला चुके हैं। इतना ही नहीं, अनाथ आश्रम में रह चुके 9 से 10 बच्चे आज सरकारी नौकरी भी कर रहे हैँ।
धर्मगढ़ की गलियों से अनाथ आश्रम का सफर
श्यामसुंदर जाल के मुताबिक बचपन में ही उनके सिर से पिता का साया उठ गया। इसके बाद मां ने उन्हें संभाला। घर की माली हालत इतनी खराब थी कि उसको देवभोग ब्लॉक के कुम्हड़ईखुर्द गांव में एक व्यक्ति के घर में काम करना पड़ा। कुछ दिन काम करने के बाद श्यामसुंदर ओडिशा के आमपानी चले गए। वहां जाकर दर्र्जी का दुकान खोल। दर्जी का काम करने के बाद भी उनका मन सेवा भाव में ही लगा रहता था। ऐसे में आमपानी छोडक़र धर्मगढ़ आकर फिर से दर्जी का काम शुरू किया। आज से 42 वर्ष पहले श्यामसुंदर को सडक़ किनारे एक बच्चा रोता हुआ मिला। बच्चे को लाकर उन्होंने परवरिश शुरू की। इस दौरान कुछ ही वर्षों में तीन से चार अनाथ बच्चे श्यामसुंदर को मिल गए। दुधमुंहे बच्चों की संख्या देखकर आसपास के लोगों ने श्यामसुंदर को बच्चा चोर के रूप में देखना शुरू किया। तत्कालीन प्रशासकीय अधिकारियों के पास श्यामसुंदर की शिकायत पहुंची। अधिकारियों ने जांच पड़ताल करने के बाद संतुष्टि जाहिर की और उन्हें अनाथ आश्रम चलाने का लाइसेस भी प्रदान किया। आज जसोदा अनाथ आश्रम में 43 बच्चों के लालन और पालन का खर्च18 वर्ष तक शासन उठा रही है। जबकि वर्तमान में 4 दुधमुंहे बच्चे हैंं। वहीं, 3 से 4 वर्ष के सात बच्चे हैं। आाश्रम में कुल 73 बच्चे हैं, जिनमें 19 लडक़े है और 54 लडक़ी हैं।
खुद के पैसे से तैयार किया अनाथ आश्रम
आज से 38 वर्ष पहले घमारीगुड़ा में श्यामसुंदर ने अनाथ आश्रम शुरू किया। आसपास के लोगों ने भी अपने स्तर पर आर्थिक मदद दी। आज उस आश्रम में श्यामसुंदर अपनी पत्नी के साथ रहकर अनाथ बच्चों की सेवा करते हैं। आश्रम में रहने वाले सभी बच्चे श्यामसुंदर को पिताजी और उनकी पत्नी कस्तूरबा जाल को मां कहकर सम्बोधित करती है।
आश्रम में मनाया जन्मदिन
देवभोग के युवा विकास उपाध्याय ने अपना जन्मदिन अनाथ आश्रम में मनाया। आश्रम में विकास और देवभोग के कुछ अधिकारीगण और नेताओं के पहुंचने से बच्चे खूब खुश हुए। बच्चों के माता-पिता से केक कटवाया। बच्चों के बीच बैठकर नास्ता किया। जरूरत के सामान भी बच्चों को प्रदान किया। कांग्रेस नेता आशीष पाण्डेय ने कहा कि जल्द ही देवभोग में एक सेवा समिति का गठन कर जरूरतमंदों की मदद के लिए काम किया जाएगा
500 से ज्यादा बच्चों को गोद ले चुके हैं लोग
आश्रम के संचालक श्यामसुंदर जाल ने बताया कि इस आश्रम से अब तक 500 से ज्यादा बच्चों को लोग गोद ले चुके हंै। यहां ओडिशा के साथ ही अन्य राज्यों से लोग पहुंचकर बच्चों को गोद लेते हैं।
Published on:
10 May 2023 04:10 pm
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
