
एडीजी जीपी सिंह के ठिकानों से मिले कई गोपनीय दस्तावेज, जिसमें सरकार के खिलाफ लिखी आपत्तिजनक बातें
रायपुर. IPS GP Singh News: राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और एंटीकरप्शन ब्यूरो (ACB) को एडीजी जीपी सिंह के ठिकानों पर राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए टूलकिट तैयार करने से संबंधित दस्तावेज मिले है। राज्य सरकार के खिलाफ कई गोपनीय और आपत्तिजनक बातें लिखी गई है। इन दस्तावेजों में सरकार को अस्थिर करने का कोडवर्ड में उनके नाम और कहानी तक का विस्तार लिखा हुआ है। इसे कुछ जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाने की जानकारी भी मिली है। साथ ही समय आने पर ब्रम्हास्त्र की तरह के इसके उपयोग किए जाने का उल्लेख किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय आयकर विभाग दिल्ली की टीम को कुछ जानकारियां भेजने के इनपुट मिले हैं। इसके आधार पर ही 2020 में हुई छापेमारी किए जाने की आशंका जताई जा रही है। बताया जाता है कि छापेमारी के बाद दिल्ली से टीम के आने और उनके द्वारा कुछ अधिकारियों को उठाकर ले जाने का हल्ला भी इसकी साजिश के हिस्से में शामिल था। पेंशन बाड़ा स्थित घर से बरामद किए गए दस्तावेजों को जांच के लिए जब्त किया गया है। साथ ही डायरी में मिली जानकारी के आधार पर आधा दर्जन लोगों को तलब किए जाने की तैयारी चल रही है।
ईओडब्ल्यू ने की करीबियों से पूछताछ
ईओडब्ल्यू ने अपने कार्यालय में सोमवार को एडीजी के करीबी मणिभूषण, प्रीतपाल सिंह, सीए राजेश बाफना और दो पुलिसकर्मियों को तलब किया गया था। इस दौरान उन सभी से डायरी में लिखे कोडवर्ड के संबंध में पूछताछ की गई। इस दौरान उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार के कुछ मंत्रियों के नाम लिए। साथ ही जंगल की अवैध कटाई, कोयला और खनिज से मिलने वाली राशि की जानकारी दी। बता दें कि डायरी में इसका उल्लेख किया गया है। साथ ही उन सभी के बीच आपसी खींचतान और विवाद की बातें लिखी हुई है।
सभी विभागों से वसूली
ईओडब्ल्यू में पदस्थापना के दौरान जीपी सिंह सभी विभागों के प्रमुखों को सीधे फोन करते थे। साथ ही चढावा नहीं देने पर छापा मारने की धमकी तक देते थे। झूठे मामले में फंसाने के डर से समय-समय 10 से 25 लाख रुपए भेजे जाते है। यह रकम सीधे अपने बंगले पर मंगवाया जाता था।
रसूखदार लोगों के फोन टेप
ईओडब्ल्यू के प्रमुख रहते हुए जीपी सिंह द्वारा गोपनीय रूप से फोन टेपिंग करने की जानकारी मिली है। हालांकि छापेमारी के दौरान इसका टेप और मशीन नहीं मिला है। लेकिन, मोबाइल और कम्प्यूटर के हार्डडिस्क में फोन नंबर, कोर्डवर्ड में दर्जनों नाम और उनके कारनामे लिखे हुए है। इसे देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि फोन टेपिंग के बाद पेन ड़्राइव में इसे कहीं छिपाकर रखा गया है। इसकी तलाश करने के लिए तलाशी में बरामद किए गए दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है।
नक्सलियों से अप्रत्यक्ष लिंक, करोड़ों खपाने का मामला सामने आया
छापेमारी के दौरान नक्सली कनेक्शन के इनपुट मिले है। बस्तर में एसपी के पद पर रहने के दौरान बड़ी संख्या में नक्सलियों की सहायता के करीब 3000 सागौन का वृक्ष कटवाने की सूचना भी सामने आई है। वहीं 2018 में दुर्ग आईजी रहते समय राजनांदगांव जिले के फाफामार ग्राम से नक्सली लीडर पहाड़ सिंह को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया था।
लेकिन, 15 दिनों तक एडीजी उसे अपने कस्टडी में रखे हुए थे। इस दौरान दोनों की बीच दोस्ताना व्यवहार देखा गया था। बाद में उसे मीडिया के सामने पेश किया गया था। लेकिन, पहले ही पूरी मामला सामने आ जाने पर फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था। बताया जाता है कि पहाड़ सिंह के पास नक्सलियों के करीब 10 करोड़ रुपए थे। इसमें से करीब 7 करोड़ रुपए 1000 और 500 रुपए के पुराने नोट थे। इसे स्थानीय कारोबारियों के जरिए खपाया गया था।
करीबियों से ईओडब्ल्यू ने की पूछताछ
डायरी में मिले 5 बाबाओं के नाम मिलने के बाद कांकेर स्थित एक गांव में टीम को भेजा गया था। बताया जाता है कि वहां रहने वाले एक बाबा से ईओडब्ल्यू की स्थानीय टीम द्वारा पूछताछ की गई। इस दौरान उसने बताया कि जीपी सिंह कोई भी काम उनसे बिना पूछे नहीं करते थे। कई बार उनके बुलावे पर वह कांकेर भी आए है।
घर पर टोटके के सामान
ईओडब्ल्यू के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बंगले के आंगन से लेकर घर के भीतर टोना-टोटका के दर्जनों सामान लगाए गए है। यहां तक की घर के चारों कोने में लोहे के खीले, काले-लाल रंग का धागा बांधा गया है। घर के दरवाजे पर घोड़े की नाल, लोहे के सिक्के, नारियल, नींबू, राख की पोटली सहित अन्य सामान बांधे गए है। वहीं एक कक्ष में पूजा की सामग्री, उल्लू, काली बिल्ली और अन्य फोटो लगाई गई है। साथ ही कमरे में मंहगी शराब और बेशकीमती सामान रखे गए है।
Published on:
06 Jul 2021 09:07 am
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