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फर्जी दस्तावेजों के जरिए हो रहा था एडमिशन , प्रदेश में 20 हजार आवेदन रिजेक्ट

Raipur Breaking News : रायपुर में 5 हजार से ज्यादा आवेदन हित प्रदेश में अब तक 20 हजार से ज्यादा आवेदन रिजेक्ट किए जा चुके हैं।

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फर्जी दस्तावेजों के जरिए हो रहा था एडमिशन , प्रदेश में 20 हजार आवेदन रिजेक्ट

फर्जी दस्तावेजों के जरिए हो रहा था एडमिशन , प्रदेश में 20 हजार आवेदन रिजेक्ट

Raipur Breaking News : शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) से निजी स्कूलों में मुफ्त में एडमिशन और पढ़ाई करने के लिए आवेदनों के साथ कई अभिभावकों ने फर्जी दस्तावेज लगाए थे। फर्जी पाए गए दस्तावेजों में आय, जाति आधार कार्ड शामिल हैं। (Raipur Breaking News) कई मामलों में जाति प्रमाण-पत्र भी त्रुटिपूर्ण निकले हैं।

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एडमिशन के लिए जतन

इसके अलावा बड़ी संख्या में ऐसे आवेदन रिजेक्ट किए जा रहे हैं, जिनके अभिभावकों के नाम बीपीएल की 2011 की सर्वे सूची में नहीं हैं। (Raipur Breaking News) रायपुर में 5 हजार से ज्यादा आवेदन हित प्रदेश में अब तक 20 हजार से ज्यादा आवेदन रिजेक्ट किए जा चुके हैं।

स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अब तक आरटीई में 1 लाख से ज्यादा आवेदन ऑनलाइन मिले हैं, जिनमें से स्क्रूटनी के दौरान में 20823 आवेदनों को या तो रद्द कर दिया गया है, या आवेदकों को अपात्र घोषित किया गया है। (Raipur Breaking News) शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 6 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश का प्रावधान है। अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए अब कई अभिभावक फर्जी दस्तावेजों का भी सहारा लेने लगे हैं।

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1 लाख 870 आवेदन

आरटीई के तहत प्रदेश के 29 जिलों से 1 लाख 870 आवेदन मिले है। विभागीय अधिकारियों ने इनकी स्क्रूटनी शुरु की तो इनमें से अब तक 20823 आवेदनों में गड़बडी मिलने पर उन्हें प्रथम दृष्टया निरस्त कर दिया है। (Raipur Breaking News) विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कई जिलों के आवेदनों में स्क्रूटनी अभी भी जारी है, निरस्त आवेदनों की संख्या और बढ़ सकती है।

अफसरों के मुताबिक जनगणना 2011 में छत्तीसगढ़ में गरीबी रेखा से नीचे वालों की सर्वे सूची अब भी सभी प्रमुख आवेदनों के लिए अनिवार्य है। शिक्षा के अधिकार के तहत केवल उन्हीं बच्चों को दाखिला दिया जा सकता है। (Raipur Breaking News) जिनके अभिभावकों के नाम 2011 कीसर्वे सूची में हों। अब तक की जांच में यह बात सामने आई कि हजारों ऐसे आवेदक हैं जिन्हें खुद को गरीबी रेखा के नीचे बताकर आवेदन तो कर दिया, लेकिन इस सर्वे सूची में उनका नाम ही नहीं है।

इस तरह के मिले फर्जी कागजात निरस्त किए गए कई आवेदनों और जन्म प्रमाण-पत्र में अलग- अलग जन्मतिथि थी। आय प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड और गरीबी रेखा कार्ड भी फर्जी मिले हैं। निवास को प्रमाणित करने के लिए सैकड़ों आवेदकों ने पार्षदों द्वारा जारी प्रमाण-पत्र लगा दिए हैं, जिन्हें सीधे निरस्त कर दिया गया है क्योंकि शिक्षा विभाग ने यह दस्तावेज मांगा नहीं था। (Raipur Breaking News) आरटीई के अब तक सबसे ज्यादा 5793 आवेदन रायपुर में निरस्त या अपात्र हुए हैं।

एक नजर में

100870 कुल आवेदन

20823 निरस्त आवेदन

2260 दो जगह आवेदन वाले