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बच्चे को मां का दूध छुड़ाने के लिए अपनाएं आसान तरीके

शिशु के 6 महीने के होने तक मां का दूध पिलाना जरूरी होता है। डॉक्टर भी यही सलाह देते हैं कि बच्चे को 6 महीने का होने तक स्तनपान जरूर करवाना चाहिए। मां के दूध में सभी तरह के पोषक तत्व होते हैं जो 6 महीने तक शिशु के विकास में मदद करते हैं।

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बच्चे को मां का दूध छुड़ाने के लिए अपनाएं आसान तरीके

बच्चे को मां का दूध छुड़ाने के लिए अपनाएं आसान तरीके

दूध पिलाना कब छुड़वाएं
स्तनपान करवाने से मां और बच्चे दोनों के बीच का रिश्ता मजबूत होता है। इसके अलावा शिशु को पोषण भी मिलता है। इसलिए बच्चे को मां का दूध छुड़ाने से पहले आपको ये जान लेना चाहिए कि इसके लिए सही समय क्या है। शिशु के एक साल के होने के बाद आप उसे स्तनपान करवाना बंद कर सकती हैं।

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बच्चे का दूध कैसे छुड़ाएं
आप एक दम से बच्चे को दूध पिलाना बंद न करें बल्कि इस प्रक्रिया को धीरे-धीरे आगे बढ़ाएं। ठोस आहार शुरू करने के तुरंत बाद ही बच्चे को दूध पिलाना बंद करना आपके और आपके बच्चे के लिए सही नहीं है। ठोस आहार शुरू करने के बाद बच्चा खुद ही दूध पीने की डिमांड कम करने लगता है।

क्या खिलाएं
बच्चे के दूध मांगने पर उसे मना करने की बजाय उसे अलग-अलग नई चीजें खिलाने की कोशिश करें। आप बच्चे को नाशपाती, केला, एवोकैडो जैसे पौष्टिक फल खिला सकती हैं। जबरदस्ती कुछ भी खिलाने की कोशिश न करें। ऐसा करने से बच्चा रोने लगेगा।

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कब तक दूध पिलाना जरूरी है
एक साल का होने तक मां का दूध ही शिशु के शरीर के हाइड्रेशन के लिए प्रमुख स्रोत होता है। इससे पहले बच्चों को पानी और जूस पिलाने की सलाह नहीं दी जाती है। इसलिए आप अपने बच्चे को एक साल का होने तक अपना दूध जरूर पिलाएं।

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पैसिफायर और फॉर्मूला मिल्क का इस्तेमाल करें
बच्चों का दूध छुड़ाने के लिए उनके मुंह में पैसिफायर देना भी एक अच्छा उपाय है। पैसिफायर देने के कई फायदे भी होते हैं और इससे स्तनपान छुड़वाने में भी मदद मिलती है।
बच्चों के लिए दूध बहुत जरूरी है इसलिए स्तनपान बंद करने पर आप उन्हें फॉर्मूला मिल्क देना शुरू कर दें। दिन में एक बार बच्चे को स्तनपान करवाएं और फिर दूसरी बाद बोतल या कप से दूध पिलाएं। मां के दूध की तुलना में फॉर्मूला मिल्क भारी होता है और इससे बच्चे का पेट लंबे समय तक भरा रहता है।

ब्रेस्ट से दूर रखें
बच्चों को मां की गोद में सबसे ज्यादा सुकून और आराम महसूस होता है और अगर ऐसा जरूरी नहीं है कि हर बार बच्चा भूख की वजह से ही आपकी ब्रेस्ट को पकड़े। कई बार मां के करीब रहने और उसकी गोद में आराम करने के लिए भी बच्चे ब्रेस्ट को पकडऩे लगते हैं।
यदि आप स्तनपान करवाना बंद करवाना चाहती हैं तो इस स्थिति में अपने बच्चे का ध्यान दूसरी चीजों में भटकाएं।

इस समय दूध न छुड़वाएं
शिशु के बीमार होने या दांत आने के समय में दूध छुड़वाने की कोशिश बिल्कुल न करें। इस दौरान ठोस आहार से ज्यादा जरूरत शिशु को मां के दूध की होती है। शिशु के दोबारा स्वस्थ होने तक धैर्य के साथ अपने बच्चे को दूध पिलाती रहें।