
कवर्धा. शहर में कई ऐसी टैक्सियां दौड़ रही है, जो गुमनाम हैं। ज्यादातर टैक्सियों से नंबर प्लेट ही गायब है। सुरक्षा की दृष्टि से इनमें ड्रायवर के नाम नहीं लिखे गए हैं। यहां तक कि टैक्सी चालकों व कंडक्टर का कोई पुलिस वेरीफिकेशन भी नहीं है, जिसके चलते महिला यात्रियों की सुरक्षा ताक पर है। पुलिस व आरटीओ विभाग इन गुमनाम टैक्सियों के खिलाफ कार्रवाई के मूड में नहीं है।
यहां संचालित टैक्सियों और मैजिक वाहन महिला यात्रियों के लिए कतई सुरक्षित नहीं है। इन वाहनों में सुरक्षा मानकों के साथ ट्रैफिक नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। क्योंकि ज्यादातर वाहनों में या तो नंबर प्लेट नहीं लगे या फिर मिटकर गायब हो चुके हैं। लापरवाही का आलम तो यह है कि इन टैक्सियों में किसी तरह का हैल्प लाइन नंबर तक नहीं लिखे गए हैं। सवारी वाहनों में ड्रायवर, कंडक्टर का कोई पुलिस वेरीफिकेशन भी नहीं है। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है। वैसे भी टैक्सी स्टैण्ड के नाम पर कोई स्थान तय नहीं है। जहां-तहां सड़क पर सवारियों को उतारे व चढ़ाए जाते हैं। यदि ऐसे में किसी यात्री के साथ दुव्र्यवहार या फिर अनहोनी होती है, तो टैक्सी व उसके चालकों की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। वहीं टैक्सी में हैल्प लाइन नंबर नहीं होने से पीडि़त किसी तरह की शिकायत भी नहीं कर सकते हैं। बावजूद इसके टैक्सियों में नंबर प्लेट की जांच करने और बिना नंबर के यात्री वाहनों पर नकेल कसने पुलिस व आरटीओ विभाग गंभीरता नहीं दिखा रहा है।
जुर्म की दस्तक
बिना नंबर की टैक्सियां जुर्म को दस्तक देने जैसा है। ऐसे वाहन अपराधिक गतिविधियों में भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। यदि ऐसा होता है, तो अपराध होने के बाद पुलिस के पास अंधेरे में तीर चलाने और हाथ मलने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा। जिले में जिस तरह से अपराध पैर फैला रहा है, उससे किसी भी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता है। बावजूद इसके पुलिस महकमा बिल्कुल भी अलर्ट दिखाई नहीं दे रहा है।
Published on:
26 Sept 2017 05:22 pm
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
