
अनुपम राजीव राजवैद्य/रायपुर. केंद्र सरकार ने 130 किलोमीटर लंबी इस रेललाइन को मंजूरी दी है। सरकार का ऐसा मानना है कि इस रेललाइन के बिछ जाने से नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सहायता मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मंगलवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में 130 किलोमीटर लंबी जैपुर-मलकानगिरी नई रेललाइन परियोजना को 2676.11 करोड़ की संपूर्ण लागत पर अनुमोदित कर दिया है। इस परियोजना के वर्ष 2021-22 तक पूरा होने की संभावना है। यह परियोजना ओडिशा के कोरापुट और मलकानगिरी जिलों को कवर करेगी।
नक्सली हिंसा प्रभावित जिले हैं मलकानगिरी-कोरापुट
मलकानगिरी और कोरापुट जिले भी देश के चिह्नित वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित जिलों में शामिल हैं। ये क्षेत्र 115 आकांक्षापूर्ण जिलों में भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2022 तक न्यू इंडिया विजन को साकार करने में इन जिलों का विकास करने का आह्वान किया है।
जगदलपुर-दंतेवाड़ा तक कनेक्टिविटी में होगा सुधार
प्रस्तावित नई रेललाइन मलकानगिरी, बोईपरिगुडा, तंजिनीगुडा, मैथिली, पौंडरीपनी रोड और अन्य प्रमुख शहरों को मौजूदा कोट्टावलासा-किरंदुल रेललाइन पर जैपुर स्टेशन से जोड़ेगी। इसके अलावा, महत्वपूर्ण शहरों जैसे ओडिशा के कोरापुट, जैपुर तथा छत्तीसगढ़ के नक्सली हिंसा प्रभावित जगदलपुर , दंतेवाड़ा तक कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इसके परिणामस्वरूप ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश के कई अन्य स्थानों तक की दूरी कम हो जाएगी और यात्रा के समय में बचत हो सकेगी।
फिलहाल मलकानगिरी का रेलवे संपर्क नहीं
वर्तमान में मलकानगिरी का रेलवे के साथ कोई संपर्क नहीं है। सरकार के मुताबिक नई रेललाइन विशाल सामाजिक-आर्थिक असर वाले क्षेत्र के औद्योगिक विकास सहित समग्र विकास के लिए आधारभूत संरचना प्रदान करेगी। यह परियोजना इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और इससे इन क्षेत्रों के लोगों को आर्थिक अवसर प्रदान करने में सहायता मिलेगी। इससे विकास के जरिए नक्सलवाद से मुकाबला करने में भी सहायता मिलेगी। इसके अलावा, इस परियोजना से निर्माण के दौरान लगभग 31.20 लाख कार्यदिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा।
Published on:
21 Feb 2018 07:30 am
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
