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Ban on leave: शिक्षकों की छुट्टियों पर कैंची… ग्रीष्मावकाश न मिलने पर शिक्षक कर्मचारी संघ ने किया विरोध, कही ये बड़ी बात

Ban on leave: छत्तीसगढ़ विद्यालय शिक्षक कर्मचारी संघ ने 1 मई से 15 जून के ग्रीष्मावकाश के दौरान किसी भी प्रकार के समर कैंप या सुशासन तिहार के नाम पर शिक्षकों के ग्रीष्मावकाश में कटौती का भारी विरोध किया है।

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Ban on leave: शिक्षकों की छुट्टियों पर कैंची… ग्रीष्मावकाश न मिलने पर शिक्षक कर्मचारी संघ ने किया विरोध, कही ये बड़ी बात

Ban on leave: छत्तीसगढ़ विद्यालय शिक्षक कर्मचारी संघ ने 1 मई से 15 जून के ग्रीष्मावकाश के दौरान किसी भी प्रकार के समर कैंप या सुशासन तिहार के नाम पर शिक्षकों के ग्रीष्मावकाश में कटौती का भारी विरोध किया है।

संघ के प्रांताध्यक्ष संजय तिवारी ने बताया कि एक ओर सचिव स्कूल शिक्षा ने 19 सितंबर 2024 को ग्रीष्मावकाश का आदेश जारी किया था तदनुसार शिक्षकों, पालकों ने अपनी अपनी सुविधानुसार तीर्थाटन पर्यटन, शादी विवाह सहित अन्य कार्यक्रम तय किए। अब जिला शिक्षाधिकारी रायपुर ने 19 अप्रैल 2025 को समर कैंप आयोजित करने का आदेश जारी किया।

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उन्होंने कहा, समर कैंप केवल 30 अप्रैल तक आयोजित किया जाना चाहिए और 16 जून से मानसून कैंप। इसी तरह दुर्ग सहित कुछ अन्य जिले में शिक्षकों को सुशासन तिहार के नाम पर मुख्यालय नहीं छोड़ने को बाध्य किया जा रहा। उन्होंने कहा कि सुशासन तिहार में शिक्षकों की आखिर क्या भूमिका है केवल कलेक्टर, मंत्री के लिए सभागार भरने की? यदि शिक्षकों के लिए ग्रीष्मावकाश समाप्त करना ही इन सबका उद्देश्य है तो जिस तरह कलेक्ट्रेट जिला शिक्षा कार्यालय सप्ताह में पांच दिन कार्य करते है।

उसी तरह विद्यालयों को शनिवार को बंद रखना चाहिए। एक तरफ मंत्रालय से ब्लॉक कार्यालय तक साल भर में 48 शनिवार बंद रहते है वहीं 46 दिनों के ग्रीष्मावकाश में शिक्षकों के लिए छोटा बड़ा अधिकारी नए-नए आदेश जारी करते हैं जिसका कड़ा विरोध किया जाएगा।