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बारनवापारा अभयारण्य का खुला गेट

सैलानी देख सकेंगे खूबसूरत प्राकृतिक नजारे

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बारनवापारा अभयारण्य का खुला गेट

बारनवापारा अभयारण्य का खुला गेट

बलौदाबाजार. शुक्रवार से जिले का गौरव तथा प्रमुख वन क्षेत्र बारनवापारा अभयारण्य फिर से प्रारंभ हो गया है। जून से बंद होने के बाद 1 नवंबर से सभी वन क्षेत्रों के गेट फिर से खोल दिए जाते हैं। अपनी खूबसूरत इलाकों, विविध पशु-पक्षियों की प्रजातियों सहित खूबसूरत झरनों की वजह से बीते पांच-छह सालों में इस अभयारण्य में आने वाले सैलानियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पर्यावरण प्रेमियों के अनुसार यदि छग पर्यटन विभाग जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने में समुचित ध्यान लगाकर पर्यटन केन्द्रों का विकास करेंं तथा नीति बनाकर कार्य करें तो जिले के पर्यटन केन्द्र में देश-विदेश के सैलानियों की आमद भी बढ़ जाएगी।
जंगलों के गेट खुलने के साथ ही वन्यप्रेमियों के लिए छुट्टियों में जंगल की सैर करना आसान हो जाएगा। 15 जून को सभी वनक्षेत्रों के गेट बंद कर दिए जाते हैं जो 1 नवंबर को खुलते हैं। 1972 के वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत 1976 में स्थापित अभयारण्य अपेक्षाकृत केवल 245 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करने के लिए एक छोटे से एक है। क्षेत्र की स्थलाकृति 265.400 लाख टन के बीच लेकर ऊंचाई के साथ फ्लैट और पहाड़ी इलाके के शामिल हैं। बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य अपने हरे भरे वनस्पति और अद्वितीय वन्य जीवन के लिए जाना जाता है। जिले के कसडोल विकासखंड में बारनवापारा अभयारण्य जिले के साथ ही अन्य जिले के पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण है।

ये वन्यप्राणी हैं अभयारण्य में
243 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैले अभयारण्य में हिरण, सांभर, चीतल, गौर, तेंदुआ, भालू, सोन कुत्ता के अलावा बड़ी संख्या में मोर, पक्षियों तथा सरीसृपों की दर्जनभर से अधिक प्रजातियां हैं। अभयारण्य के ब्रिटिशकालीन रेस्ट हाउस, ऊंची-ऊंची पहाडिय़ां तथा शांत इलाका पर्यटकों के बीच बेहद प्रसिद्ध है। यहां प्रतिवर्ष सैकड़ो सैलानी पहुंचते हैं। जिला निर्माण के बाद अभयारण्य में प्रतिवर्ष पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।

प्राकृतिक झरने भी प्रमुख आकर्षण
बलौदा बाजार जिले में पर्यटन की अपार संभावनाओं को जिले के खूबसूरत झरने और अधिक बढ़ाते हैं। इन झरनों में से एक कसडोल ब्लॉक में स्थित बकला गांव के पास कुटन नाला जलप्रपात है। यह जलप्रपात कसडोल सिरपुर मार्ग पर स्थित बोरसी ग्राम से 2 किमी की दूरी पर स्थित है। खूबसूरत जंगलों और बड़े-बड़े पत्थरों के बीच बरसाती नाले पर बना यह जलप्रपात प्रकृति प्रेमियों के लिए मनोरम जगह है।