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केंद्र कह रहा छत्तीसगढ़ में मिला नया वेरिएंट ज्यादा घातक नहीं, मगर यहां हर घंटे 3 मौतें

- राज्य में हालात खतरनाक, केंद्र ने 11 जिलों की निगरानी के लिए बैठाई अपनी टीम . - केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य को भेजी रिपोर्ट .  

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रायपुर . प्रदेश में कोरोना संक्रमण जानलेवा साबित हो रहा है। स्थिति यह है कि आज राज्य में रोजाना 90 से अधिक लोग इस वायरस का शिकार बन रहे हैं। क्या यह नए वेरिएंट एन440 की वजह है? दरअसल, केंद्र ने कुछ दिनों पहले छत्तीसगढ़ से भेजे गए 200 मरीजों के सैंपल की जांच में इस नए म्युटेड वेरिएंट की पहचान की थी। जिसकी रिपोर्ट बीते दिनों राज्य को भेजी गई। जिसमें लिखा है कि यह ज्यादा घातक नहीं है। मगर, आंकड़े कुछ और ही बताते हैं। 1 से 11 अप्रैल तक की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में हर घंटे औसतन 356 मरीज रिपोर्ट हो रहे हैं, जबकि 3 जानें जा रही हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि म्युटेड वायरस/वेरिएंट बहुत ज्यादा प्रभावी है, जो कहर बरपा रहा है।

इस वायरस के बारे में बताया जाता है कि यह महाराष्ट्र और केरल में भी रिपोर्ट हुआ है। मगर, यह आया कहां से इसका उल्लेख केंद्र द्वारा भेजे गए पत्र में नहीं है। उधर, राज्य ने और 200 सैंपल अलग-अलग जिलों और गंभीर मरीजों से लेकर भेजे हैं। बहरहाल अभी रिपोर्ट का इंतजार है।

इसलिए स्वास्थ्य विभाग कर रहा घातक म्युटेशन

1- पहले एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले 1-2 लोग ही संक्रमित हो रहे थे। मगर, आज पूरा परिवार चपेट में आ रहा है।

2- पहले संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ होने में 5-7 दिन लगते थे, मगर आज की स्थिति में 15-17 दिन तक लग रहे हैं। खांसी, बदन दर्द जा ही नहीं रहा।

3- पहले कभी 1, कभी 3 या अधिकतम 5 तक मौत हो रही थीं। मगर, आज 90-90 लोग एक दिन में जान गंवा रहे हैं। वह भी 1-2 दिन में ही। मरने वालों में 35 प्रतिशत की मौत अस्पताल पहुंचने के 24 से 48 घंटे में हो रही है।

(नोट, यह तुलना महीनेभर पहले और आज की स्थिति पर की गई है।)

अप्रैल ने सिस्टम को पहुंचाया वेंटीलेटर पर- राज्य में 8 मार्च से केस बढऩे शुरू हुए हों, मगर 1 अप्रैल से जो हालात बिगड़े हैं वे डरावने हैं। 1 से 11 अप्रैल के बीच 94,110 मरीज मिले और 693 जानें गईं। संक्रमण की यह रफ्तार 2020 के पीक (सितंबर) की तुलना में 3 से 4 गुना अधिक है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

देखिए, वायरस में म्युटेशन तो हुआ है इसलिए मरीजों की संख्या बढ़ी है। खासकर गंभीर मरीजों की। मगर, ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल में बहुत ज्यादा फर्क नहीं आता है। अभी तो हम उसी प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं जो पूर्व निर्धारित है। हां, इस बार रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की डिमांड मरीजों में बढ़ी है। अगर, अभी तो इतने मरीज हैं कि हर किसी के लिए न रेमडेसिविर मिल पा रही है, न ऑक्सीजन। फिर भी हर संभव प्रयास जारी हैं।

- डॉ. ओपी सुंदरानी, कोविड इंचार्ज, डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल

केंद्र ने रिपोर्ट भेजी है। मगर, जिस प्रकार से संक्रमण बढ़ रहा है यह तय है कि वायरस म्युटेड हुआ है। हमने और भी सैंपल जांच के लिए भेजे हैं, रिपोर्ट का इंतजार है।

- डॉ. धमेंद्र गहवईं, राज्य नोडल अधिकारी, कोरोना नियंत्रण कार्यक्रम, स्वास्थ्य विभाग