
अभिनेता अनुज शर्मा और निर्देशक सतीश जैन ( Photo - Facebook )
ताबीर हुसैन. प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम पुरखा के सुरता में (CG Film ) जनकवि लक्ष्मण मस्तूरिहा के संस्मरण के दौरान अभिनेता अनुज शर्मा ने अपनी एक खास बात साझा की। उन्होंने कहा कि उन्हें पद्मश्री पुरस्कार मिलने के बाद तीन महत्वपूर्ण लोगों को फोन किया था, जिनमें जनकवि लक्ष्मण मस्तूरिहा, मनु नायक और फिल्म निर्देशक सतीश जैन शामिल थे।
अनुज ने बताया, जब मैंने सतीश जैन जी को फोन किया तो कहा कि इस पुरस्कार में आपका भी बड़ा योगदान है। क्योंकि अगर आप मुझे फिल्मों में मौका नहीं देते, तो मैं कभी इस क्षेत्र में काम ही नहीं कर पाता। यह बात अनुज शर्मा ने विनम्रता और आभार के साथ कही, जिससे साफ जाहिर हुआ कि सतीश जैन ने उनकी फिल्मी यात्रा में अहम भूमिका निभाई है।
निर्देशक सतीश जैन ने ‘मोर छैंया भुईयां’ फिल्म से जुड़ी एक रोचक स्मृति साझा करते हुए कहा, जब मैं यह फिल्म बना रहा था तो पिताजी ने पूछा लक्ष्मण मस्तुरिहा से गाने लिखवाए बिना छत्तीसगढ़ी फिल्म कैसे बनाओगे? सतीश बोले, जब पहली बार उनसे मिला तो उन्होंने यह कहकर भगा दिया कि फिल्म के नाम पर लोग धोखा करते हैं। लेकिन जब दोबारा गया और कहानी सुनाई तो दो दिन बाद उन्होंने टाइटल सॉन्ग समेत ‘देख के तोला’, ‘झूठ के रद्द’ और ‘जान ले पहचान ले’ जैसे यादगार गीत रच दिए। उन्होंने रिदम और मीटर तक का याल रखा, यही उनकी महानता थी।
Updated on:
08 Jun 2025 01:39 pm
Published on:
08 Jun 2025 01:38 pm
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