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राज्य सरकार ने शिकायतों के बाद आंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. जैन को हटाया, अब डॉ. नेरल को मिली जिम्मेदारी

राज्य सरकार ने प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनीत जैन को पद से हटा दिया है। ढेरों शिकायतें, खरीदी में लंबा समय लगाना, फाइलें रोके रखना बेदखली की वजह बनी।

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रायपुर. राज्य सरकार ने प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनीत जैन को पद से हटा दिया है। ढेरों शिकायतें, खरीदी में लंबा समय लगाना, फाइलें रोके रखना और उन्हें लेकर कर्मचारियों-अधिकारियों में व्याप्त असंतोष पद से बेदखली की वजह बनी। डॉ. जैन के विरुद्ध स्वास्थ्य मंत्री, यहां तक की मुख्यमंत्री तक भी शिकायतें पहुंची थीं।

डॉ. जैन की जगह पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद नेरलवार को अधीक्षक बनाया गया है। डॉ. नेरलवार कॉलेज के सीनियर डॉक्टरों में से एक हैं। प्रशासनिक पदों का अनुभव है। 'पत्रिका' ने सबसे पहले 13 अक्टूबर को बता दिया था कि डॉ. जैन को हटाया जा सकता है। हुआ भी वही। हालांकि आदेश जारी होने में डेढ़ महीने का वक्त लग गया। उधर, डॉ. नेरलवार ने कहा कि उन्हें ऑर्डर जारी होने पर पता चला कि शासन ने जिम्मेदारी दी है। साथ ही यह भी कहा कि कई चुनौतियां हैं।

इन्हें नई जिम्मेदारी- डॉ. जैन के अतिरिक्त डॉ. सुनीता मेश्राम को शासकीय मेडिकल कॉलेज कांकेर, डॉ. गोपाल सिंह कंवर को कोरबा और डॉ. संतोष सोनकर को महासमुंद में प्रस्तावित कॉलेज का अधीक्षक बनाया गया है। गौरतलब है कि कांकेर को इस सत्र में एमबीबीएस की 100 सीटों पर दाखिले की अनुमति मिली है तो वहीं कोरबा और महासमुंद में दाखिले की अनुमति के लिए सत्र 2022-23 में एनएमसी में आवेदन किया जाएगा।