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डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन से लेकर NOC सर्टिफिकेट की फीस हो सकती है महंगी, CGMC करेगी रिवाइज

CG Medical Council: काउंसिल के अधिकारियों का मानना है कि चूूंकि रजिस्ट्रेशन करवाने वाले डॉक्टर होते हैं, इसलिए प्रस्तावित बढ़ी हुई फीस से उन्हें ज्यादा समस्या नहीं होगी..

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CG Medical council

CG Medical Council: डॉक्टरों को अब पंजीयन से लेकर एनओसी व दूसरे सर्टिफिकेट के लिए ज्यादा फीस देनी पड़ सकती है। दरअसल, पिछले 10 सालों से फीस रिवाइज नहीं हुई है। इसलिए काउंसिल फीस रिवाइज करने की तैयारी में है। वर्तमान में निर्धारित शुल्क पर 18 फीसदी जीएसटी भी देना होता है। इससे पंजीयन व जरूरी सर्टिफिकेट समेत रिन्यूअल का काम महंगा हो गया है।

CG Medical Council: डॉक्टरों की संख्या डेढ़ हजार से ज्यादा

छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल यानी सीजीएमएसी में रजिस्ट्रेशन कराने वाले डॉक्टरों की संख्या डेढ़ हजार से ज्यादा है। एमबीबीएस डिग्री मिलने के बाद डॉक्टरों को सीजीएमसी में पंजीयन कराना होता है। इसके बिना वे प्रदेश में प्रैक्टिस नहीं कर सकते। एमबीबीएस के बाद एमडी-एमएस पास होने के बाद पंजीयन किया जाता है।

यह भी पढ़ें: डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन से लेकर एनओसी सर्टिफिकेट की फीस हुई महंगी, अब छात्रों को देना पड़ेगा इतना GST…जानें Details

स्पेशलिटी डिग्री के बाद अगर कोई डॉक्टर सुपर स्पेशलिटी डिग्री डीएम-एमसीएच कोर्स की पढ़ाई करता है तो भी नया पंजीयन कराना होगा। एमबीबीएस के बाद पंजीयन में ये स्पेशलिटी व सुपर स्पेशलिटी की डिग्री जुड़ जाती है। अब तो पीजी की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। गौर करने वाली बात ये है कि डॉक्टरों की वर्तमान फीस 26 फरवरी 2015 को लागू हुई थी। काउंसिल के अधिकारियों का मानना है कि चूूंकि रजिस्ट्रेशन करवाने वाले डॉक्टर होते हैं, इसलिए प्रस्तावित बढ़ी हुई फीस से उन्हें ज्यादा समस्या नहीं होगी।

विदेश से एमबीबीएस किया है तो भी पंजीयन अनिवार्य

प्रदेश का कोई छात्र अगर विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई करता और पास हो जाता है तो प्रैक्टिस करने के लिए सीजीएमसी में पंजीयन अनिवार्य है। विदेश की एमबीबीएस डिग्री को भारत की डिग्री के समकक्ष माना गया है। इसके लिए एनएमसी की एफएमजीई यानी फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम पास होना जरूरी है। प्रदेश में एफएमजीई पास करने वाले डॉक्टरों की संख्या गिनती में है। दरअसल, विदेश से एमबीबीएस करने वाले औसतन 12 से 20 फीसदी छात्र ही एफएमजीई पास हो पाते हैं। ये देशभर का औसत है। प्रदेश का औसत इससे भी कम है।

नौकरी कर रहे प्रदेश में नहीं करवा रहे पंजीयन

सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों में दूसरे राज्यों के डॉक्टर नौकरी कर रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार, निजी कॉलेजों व अस्पतालों में 15 से 20 फीसदी डॉक्टर छत्तीसगढ़ में बिना पंजीयन के नौकरी कर रहे हैं। जबकि यहां नौकरी करने के लिए सीजीएमसी में पंजीयन अनिवार्य है। चूंकि ये डॉक्टर महाराष्ट्र व ओडिशा के होते हैं, इसलिए कुछ साल नौकरी करने के बाद वापस चलते जाते हैं, इसलिए पंजीयन करवाने से हिचकते हैं। दसअसल, यहां पंजीयन करवाने पर उन्हें अपने स्टेट का पंजीयन रद्द करवाना होगा। इससे डॉक्टर बच रहे हैं।

जीएसटी समेत किस मद में कितनी फीस

प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन 3300

रजिस्ट्रेशन 3300

अतिरिक्त डिग्री 2300

रेसिप्रोकल रजिस्ट्रेशन 2300

डुप्लीकेट कॉपी परमानेंट सर्टिफिकेट 2000

डुप्लीकेट कॉपी प्रोविजनल 1000

इंटर्नशिप के बाद स्थायी पंजीयन 6000

गुड स्टैंडिंग सर्टिफिकेट 2500

सीएमई फीस 5000