मंडी व कृषक कल्याण शुल्क में छूट देने कृषि मंत्री को चैंबर ने सौंपा ज्ञापन
रायपुरPublished: Dec 08, 2021 04:42:54 pm
किसानों के साथ ही किराना व्यवसाय पर भी पड़ेगा विपरीत प्रभाव : अमर पारवानी
मंडी व कृषक कल्याण शुल्क में छूट देने कृषि मंत्री को चैंबर ने सौंपा ज्ञापन
भाटापारा। मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क में छूट प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ चैंंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पदाधिकारियों ने कृषि मंत्री रविंद्र चौबे से मुलाकात कर उनको एक ज्ञापन सौंपा है। चैबर पदाधिकारियों का कहना है कि इस शुल्क के कारण किसानों के साथ ही किराना व्यवसाय पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी,महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेवएराम मंधानए मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि चैंबर का एक प्रतिनिधिमंडल कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे से मिलकर कृषि उपज मंडी शुल्क वकृषक कल्याण शुल्क में छूट प्रदान करने के लिए ज्ञापन सौंपा। चैंबर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि पोहा उद्योगों पर पूर्व में 1 प्रतिशत की दर से मंडी. शुल्क लगता था, परंतु छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा किए गए संशोधन के अनुसार अधिसूचित कृषि उपज की कीमत के प्रत्येक 100 रुपए पर मंडी शुल्क 3 रुपए व कृषक कल्याण शुल्क 2 रुपए की दर से कुल 5 प्रतिशत एक दिसंबर से आगामी आदेश तक प्रभावशील कर दी गई है। इसी प्रकार उपरोक्त अधिसूचना में किराना व दलहन पर 0.5 प्रतिशत की दर से कृषक कल्याण शुल्क व मंडी शुल्क 1 प्रतिशत प्रभावशील कर दी गई है।
पारवानी ने कहा कि कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए आपकी 19-24 उद्योग नीति में खाद्य प्रसंस्करण को विशेष बढ़ावा दिया गया है, जिससे प्रोत्साहित होकर किसान, उद्योगपति व व्यापारियों का व्यवसाय सुचारू व सरलता से चल रहा है। जिससे रोजगार के अवसरों में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। वर्तमान अधिसूचना के आधार पर यदि मंडी शुल्क में वृद्धि होती है तो छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त पोहा, दलहन उद्योग वं किराना व्यवसाय अन्य समीपवर्ती राज्यों के समक्ष प्रतिस्पर्धा में खड़े नहीं हो पाएंगे, जिससे प्रदेश के पोहा, दलहन उद्योगों व उसमें कार्यरत श्रमिक बेरोजगार हो जाएंगे व किराना व्यवसाय पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
चैंबर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में पोहा, मुरमुरा के लगभग 300 लघु उद्योग वं दलहन उद्योग में लगभग 400 लघु उद्योग स्थापित हैं। जिनमें प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 50000 लोगों को रोजगार प्राप्त होता है और 100 प्रतिशत स्थानीय लोगों को ही रोजगार मिला हुआ है। इससे स्थानीय लोगों को परिवार के भरण-पोषण में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। पारवानी ने कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे से अनुरोध किया कि पोहा मुरमुरा, दलहन प्रसंस्करणकर्ताओं व किराना दलहन व्यवसाय को उपरोक्त मंडी शुल्क व कृषक कल्याण शुल्क से पूर्णत: मुक्त रखा जावे, जिससे छत्तीसगढ़ शासन की उन्नति में सहभागी बने रहें व कार्यरत हजारों लोगों का रोजगार भी सलामत रहे।
प्र्रतिनिधिमंडल में चैंबर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मंत्री नीलेश मूंधड़ा, शंकर बजाज, जवाहर थौरानी, सुनील मलानी, रायपुर दाल मिल एसोसियेशन के अध्यक्ष संजीत गोयल, महामंत्री नानक तनवानी, कोषाध्यक्ष हरीमल सचदेव, उपाध्यक्ष श्यामसुंदर गोयल, छत्तीसगढ़ पोहा मुरमुरा उत्पादक महासंघ के अध्यक्ष कमलेश कुकरेजा, पोहा मुरमुरा संघ भाटापारा के संरक्षक प्रहलादराय मंधानी, नंदलाल हबलानी, अध्यक्ष रंजीत दावानी, रूपेश किंगरानी, राकेश मंधान आदि शामिल थे।