ताबीर हुसैन. डीडीयू ऑडिटोरियम रविवार को चार्टर्ड अकाउंटेंसी की चमक से रोशन था। (Cg News) मंच पर मौजूद थे सीए जगत के दो लोकप्रिय नाम सीए शुभम सिंघल (पुणे) और सीए भंवर बोराना (मुंबई)। इन दोनों को सुनने और उनके साथ तस्वीर खिंचवाने के लिए युवाओं की लंबी कतार लगी रही। मौका था नेशनल स्टूडेंट्स कॉन्फ्रेंस का, जिसमें देशभर से आए छात्रों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया।
सीए शुभम सिंघल ने कहा सीए की पढ़ाई में टेस्ट सीरीज बेहद अहम होती है। अगर कभी नंबर कम आएं तो घबराएं नहीं, बल्कि उसे सीखने का अवसर मानें। खुद मुझे सीए फाइनल में ऑल इंडिया रैंक 4 मिली थी, लेकिन रैंक का मतलब ये नहीं कि कंपनियां आपके घर तक नौकरी लेकर आएंगी। नौकरी के लिए पहल खुद करनी होती है। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया, रैंक आने के बाद मेरे भाई ने मजाक में कहा कि अब तो 50 लाख की नौकरी खुद आ जाएगी।
लेकिन हकीकत कुछ और थी। जब मैं एक कंपनी के ग्रुप डिस्कशन में शामिल हुआ, वहां कई रैंकर्स पहले से मौजूद थे। घबराहट इतनी थी कि मैं सेलेक्ट नहीं हो सका। तब समझ आया कि प्रतिस्पर्धा कभी खत्म नहीं होती, बल्कि उससे लड़ते रहने की आदत डालनी होती है।
सीए बनने के बाद कॅरियर की ऊंचाइयों तक कैसे पहुंचा जाए, इस पर बोलते हुए भंवर बोराना ने चार जरूरी गुण बताए। एडॉप्टिबिलिटी, कम्युनिकेशन, लीडरशिप और हार्ड वर्क। उन्होंने कहा, हमें हर हाल में खुद को बदलते रहना चाहिए। बॉस ने कोई नया टास्क दे दिया तो उसे सीखने का प्रयास करें चाहे चैटजीपीटी की मदद क्यों न लेनी पड़े। न बोलने से अच्छा है सीखते जाना। कम्युनिकेशन स्किल पर उन्होंने जोर देते हुए कहा, मौका मिले तो बोलिए।
आपकी जड़ें कहां हैं, यह महत्वपूर्ण नहीं। आप कहां पहुंचना चाहते हैं, यह मायने रखता है। कंफर्ट जोन से बाहर निकलने की आदत डालिए। जब नया काम सामने हो और आत्मविश्वास कम लगे, तो खुद से पूछिए सबसे बुरा क्या हो सकता है? तीसरा गुण लीडरशिप है। अगर आप सीए बनने के बाद 10 साल में सीएफओ या सीईओ बनना चाहते हैं तो लीडरशिप स्किल अनिवार्य है। और आखिरी बात हार्ड वर्क। सीए बनने के तुरंत बाद नौकरी मिल सकती है, लेकिन आप किस ऊंचाई तक जाएंगे, यह आपकी मेहनत और बाकी तीन गुणों पर निर्भर करेगा।
कार्यक्रम से पहले सीए भंवर बोराना ने पत्रिका से विशेष बातचीत में कहा, साल 2024 में अब तक का सबसे बड़ा पैकेज टेस्ला के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर वैभव तनेजा को मिला है। वे चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और अब तक के सबसे अधिक वेतन पाने वाले भारतीय बन चुके हैं। भंवर ने आगे कहा, आने वाले वर्षों में भारत को करीब 50 लाख सीए की जरूरत होगी, जबकि वर्तमान में केवल 4-5 लाख ही एक्टिव हैं।
जैसे-जैसे देश की अर्थव्यवस्था और टैक्स प्रणाली का दायरा बढ़ रहा है, सीए की मांग भी तेजी से बढ़ेगी। आज हर कोई टैक्स रिटर्न फाइल कर रहा है, ऐसे में प्रोफेशनल एक्सपर्ट्स की जरूरत और बढ़ेगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सीए की नौकरियों पर असर डालेगा? इस पर भंवर ने स्पष्ट कहा कि एआई जवाब दे सकता है, लेकिन अनुभव नहीं दे सकता। और सीए ऐसा प्रोफेशन है, जहां अनुभव सबसे कीमती होता है। इसलिए इस क्षेत्र में एआई की कोई सीधी चुनौती नहीं है।
Updated on:
16 Jun 2025 05:49 pm
Published on:
16 Jun 2025 05:41 pm