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CG News: मंत्रियों के दो-दो बंगले, सरकारी दफ्तरों को नहीं मिल रहे भवन… बढ़ रहा सरकारी खजाने पर बोझ

CG News: सरकार प्रदेश में कई सरकारी दफ्तरों के लिए निजी संपत्तियों का उपयोग कर रही है, ऐसे में मंत्रियों के पुराने और नए बंगलों पर व्यय और दफ्तरों का किराया सरकारी खजाने पर बोझ डाल रहा है।

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CG News: मंत्रियों के दो-दो बंगले, सरकारी दफ्तरों को नहीं मिल रहे भवन... बढ़ रहा सरकारी खजाने पर बोझ(photo-patrika)

CG News: मंत्रियों के दो-दो बंगले, सरकारी दफ्तरों को नहीं मिल रहे भवन... बढ़ रहा सरकारी खजाने पर बोझ(photo-patrika)

CG News: संतराम साहू। नवा रायपुर में नए विधानसभा भवन का लोकार्पण हो चुका है। अधिकांश सरकारी विभाग भी स्थानांतरित हो चुके हैं। हालांकि, कुछ कैबिनेट मंत्रियों के लिए यह बदलाव उतना सहज नहीं दिख रहा है। उन्हें नया बंगला आवंटित किया जा चुका है, लेकिन वे पुराने बंगले का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं और रायपुर में ही अपने पुराने आवासों में रह रहे हैं।

CG News: कई सरकारी दफ्तर भवन को तरस रहे

यही नहीं, सरकार प्रदेश में कई सरकारी दफ्तरों के लिए निजी संपत्तियों का उपयोग कर रही है, ऐसे में मंत्रियों के पुराने और नए बंगलों पर व्यय और दफ्तरों का किराया सरकारी खजाने पर बोझ डाल रहा है। पुराने शहर में जब बंगला आवंटित हुआ, तो उस समय भी रंग-रोगन, साज-सज्जा और अतिरिक्त निर्माण के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए गए है। कुल मिलाकर पुराने बंगले को अपने मनमाफिक संवारा। बमुश्किल साल-डेढ़ साल रह पाए।

इसके बाद नवा रायपुर के आलीशान बंगलों में शिफ्ट हो गए। लेकिन अब भी पुराने बंगलों को अपने नाम पर ही भी तक आवंटन करा कर रखा है। इस संबंध में कांग्रेस ने भी पीएमओ से शिकायत की है। नवा रायपुर में शिफ्ट हो चुके मंत्रियों के पुराने बंगले का शीघ्र विभाग अपने कब्जे में लेगा। कुछ प्रशासकीय प्रक्रिया बाकी है। हम लोग सामान को हटा नहीं पाए हैं। जल्द ही सभी पुराने बंगलों से नेम प्लेट भी हटा दी जाएंगी।-बी.के. भृतपहरी,ईएनसी, पीडब्ल्यूडी

क्या है नियम

आवंटन नीति के अनुसार किसी भी मंत्री को केवल एक आवास (बंगला) दिया जाना है, किंतु वर्तमान में राज्य के मंत्री नवा रायपुर और रायपुर दोनों स्थानों पर बंगलों का उपयोग कर रहे हैं। यह सेंट्रल सिविल सर्विस रूल्स 175 का उल्लंघन है, इस पर कैग भी आपत्ति उठा सकता है।

पुराने बंगले की शोभा बढ़ा रही नेम प्लेट

जो मंत्री नवा रायपुर में शिफ्ट हो चुके हैं, उनके पुराने बंगले पर नेम प्लेट और बोर्ड शोभा बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा बंगले की देखरेख और साफ-सफाई के लिए अतिरिक्त कर्मचारी भी तैनात किए गए हैं।

हर माह चार से पांच लाख खर्च

पुराने बंगले के रखरखाव और तैनात किए गए कर्मचारियों को वेतन देने के नाम पर चार से पांच लाख हर माह खर्च हो रहा है।

ये दफ्तर सरकारी छत के लिए तरस रहे

  • हथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित, राजेंद्र नगर रायपुर
  • राज्य हस्तशिल्प विकास बोर्ड, राजेंद्र नगर
  • क्षेत्रीय विद्युत निरीक्षालय, सुंदर नगर
  • श्रम आयुक्त कार्यालय, सिविल लाइन
  • माप तौल क्षेत्रीय कार्यालय, रायपुरा
  • औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा कार्यालय हाईजीन लैब श्रम विभाग