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CG News: 1600 एकड़ के कमल विहार को हैंडओवर करने में आरडीए का छूट रहा पसीना, इन बुनियादी सुविधाओं की हो रही कमी

CG News: रायपुर की सबसे बड़ी सरकारी कॉलोनी (कौशल्या विहार) कमल विहार में रहने वाले हजारों लोग परेशान हैं। उन्हें बिजली, पानी और साफ-सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

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CG News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की सबसे बड़ी सरकारी कॉलोनी (कौशल्या विहार) कमल विहार में रहने वाले हजारों लोग परेशान हैं। उन्हें बिजली, पानी और साफ-सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। 1600 एकड़ में इस टाउनशिप को बनाने का काम आरडीए ने कराया था, उसका ऐसा हाल है। ऐसे में अब हैंडओवर करने में पसीना छूट रहा है। क्योंकि मेंटेनेंस कराने के लिए नगर निगम 125 करोड़ रुपए मांग रहा है।

CG News: वहीं अंडरग्राउंड बिजली सिस्टम फेल होने की स्तिथि निर्मित हुई है, जिसे दुरुस्त करने के लिए स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने 29 से 30 करोड़ के बीच खर्च होने का डिमांड प्रस्ताव थमा दिया है। दरअसल रायपुर विकास प्राधिकरण ने इस कॉलोनी में अच्छी सुविधाएं मुहैया कराने का दावा किया था कि आधुनिक रूप से डेवलपमेँट किया जा रहा है। यानी बिजली, पानी, ड्रेनेज सिस्टम सबकुछ अंडरग्राउंड सुविधाएं लोगों को मिलेंगी। परंतु जब तेजी से बसाहट बढ़ने लगी तो कोई सिस्टम काम नहीं आ रहा है।

CG News: वही लालपुर, देवपुरी और डूंडा तरफ से गंदगी और पानी के बहाव से कमल विहार के लोग हलाकान हैं। क्योंकि, ड्रेनेज सिस्टम चोक हो जाने से गंदगी सड़कों तक फैल रही है। कई सेक्टरों में पेयजल आपूर्ति संकट बना हुआ है, तो बिजली गोल की जैसी बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

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पहली अंडरग्राउंड कॉलोनी विकसित की गई

बता दे कि आरडीए की यह ऐसी पहली कॉलोनी है, जहां 10 साल पहले पहली बार एलएंडटी कंपनी से अंडरग्राउंड बिजली केबलिंग बिछवाई गई है। उसमें कई तरह की तकनीकी खामियों के कारण सरप्लस बिजली वाले राज्य में कमल विहार के लोगों को कई-कई दिनों तक बिजली गोल होने की समस्या झेलनी पड़ रही है। उस एलएंडटी कंपनी के मेंटनेंस की अवधि भी 2014 में पूरी हो गई। जबकि अंडरग्राउंड बिजली केबलिंग सिस्टम में ट्रांसफार्मर प्रोटेक्शन एवं रिंगमेन सिस्टम ठीक है। ऐसे कुल 73 आरएमयू स्थापित करने की नौबत आ गई है।

4 फीडर स्टेशन समेत 11 केवी के दो फाल्टी फीडर केबल लगाने पड़ेंगे

सीएसपीडीसीएल और आरडीए के अफसरों ने संयुक्त रूप से अंडरग्राउंड बिजली सिस्टम का जायजा लिया है। इसमें कई खामियां सामने आई हैं। सीएसपीडीसीएल ने कमल विहार की बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए विस्तार से प्रस्ताव तैयार किया है। पॉवर ट्रांसफार्मर, एलटी फीडर पिलर बॉक्स 73 नग आरएमयू यूनिट, विभिन्न क्षमता के 228 नग बिजली वितरण ट्रांसफार्मर में से अधिकांश खराब हैं, जिसे बदलना पड़ेगा और 33 और 11 केबी के स्टेशन बनाने पड़ेंगे। ऐसे सभी कामों पर 28 से 30 करोड़ खर्च का प्रस्ताव अफसरों ने आरडीए को भेजने के साथ ही बिजली कंपनी के आला अफसरों को भी अवगत कराया है।

क्या कहते हैं अफसर

हैंडओवर लेने से पहले आरडीए के साथ संयुक्त रूप से सर्वे किया गया है। कमल विहार के लोगों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए काफी फंड खर्च करना पड़ेगा। इसके लिए करीब 125 करोड़ का प्रस्ताव दिया गया है।