
नई आफत: कोविशील्ड लगने वालों को भेजे लिंक से जनरेट हो रहे कोवैक्सीन सर्टिफिकेट
रायपुर. छत्तीसगढ़ में 18 से 44 आयु वर्ग का टीकाकरण (18 Plus Vaccination) 1 मई से शुरू हो हुआ और तब से ही यह विवादों में घिरा हुआ है। इस बार नया मामला गलत लिंक जनरेट होने का है। 'पत्रिका' पड़ताल में खुलासा हुआ कि लाभार्थियों को जिस कंपनी के टीके लगे, सर्टिफिकेट जनरेट करने का लिंक दूसरी कंपनी का आ गया। ऐसे एक-दो नहीं बल्कि कई मामले हैं।
इनकी शिकायत राज्य स्वास्थ्य विभाग, जिला के सीएमएचओ को मौखिक और लिखित दोनों में हुई है, क्योंकि यह जान पर आफत का मामला है। सूत्रों के मुताबिक इन शिकायतों के आने के बाद पूरे स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मचा हुआ है क्योंकि अधिकांश ऐसे लोग हैं जो टीकाकरण केंद्र में न तो यह पूछ रहे हैं कि उन्हें कौन सी वैक्सीन लगी, न ये पर्चियां संभालकर रख रहे हैं। अब जब दूसरे डोज की बारी आएगी तो मुश्किलें बढ़ेंगी।
इन शिकायतों के पहुंचने के बाद जिला सीएमएचओ और सीटी टीका पोर्टल को ऑपरेट करने वाली चिप्स ने मैनुअली और कम्प्यूटर पर अपलोड डेटा का मिलान करना शुरू कर दिया है। ताकि सही एंट्री हो सके। मगर, यह प्रयास कितना सफल होता है यह नहीं कहा सकता, मगर इस गड़बड़ी ने सिस्टम की आधी-अधूरी तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है।
इन बातों का ध्यान रखें
1- टीकाकरण केंद्र में फॉर्म भरवाया जा रहा है, इसे टीका लगाने वाले स्टाफ को दिखाने के बाद संभाल कर रख लें। दूसरी डोज के वक्त उसे दिखाएं। क्योंकि उसमें ही सही एंट्री की जा रही है।
2- टीका लगाने वाले स्टाफ से पूछें कि उन्हें कौन सी कंपनी की वैक्सीन लग रही है।
3- टीका लगने के बाद मैसेज आएगा, उससे सर्टिफिकेट जनरेट होगा। लगी वैक्सीन और सर्टिफिकेट की एंट्री का मिलान कर लें। ऐसा करके आप किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जाएंगे।
सीजी टीका पोर्टल पर लगातार उठ रहे सवाल
पहले कोविन एप में पंजीयन हो रहा था, अब सीटी टीका पोर्टल में करवाना पड़ रहा है। ये एप शुरुआत में लांच के वक्त ही ठप हो गया था, ये रजिस्ट्रेशन लोड ही नहीं संभल पाया था। शिकायतें हैं कि रजिस्ट्रेशन हो रहा मगर शेड्यूल नहीं मिल रहा और अब गलत लिंक जनरेट होने की नई समस्या खड़ी हो गई है।
लोगों ने कहा, ऐसी गलती जानलेवा भी हो सकती है
केस1- कोविशील्ड लगवाया, मगर परिवार के सदस्यों को अलग-अलग लिंक आए
लाभार्थी- सुमित बरडिया
- सुमित बताते हैं कि 10 मई उनके समेत परिवार के कई सदस्य टीका लगवाने के लिए मंदिर हसौद से टीकाकरण गए थे। पहले बताया कि कोवैक्सीन लग रही है, बाद में कहा कि कोविशील्ड। मैं, मेरी बाइफ, बहन, जीजाजी और दो भाई एक के बाद एक, एक ही लाइन में लगे थे। सभी कोविशील्ड ही लगी, मगर किसी के पास कोविशील्ड तो किसी को कोवैक्सीन के लिंक आए। मैं दोबारा केंद्र गया, वहां कहा गया कि रजिस्ट्रर पीएचसी में है। वहां गए तो कहा गया कि मैनुअल सर्टिफिकेट देते हैं। बाद में मना कर दिया। हम पढ़े-लिखे हैं तो सवाल-जवाब कर सकते हैं, पता कर सकते हैं, मगर जो सक्षम नहीं है तो वह तो मुसीबत में फंस जाएगा।
केस2- दोनों वैक्सीन के लिंक भेज दिए
जिला दुर्ग लाभार्थी- वैभव पांडेय, कुम्हारी
वैभव ने बताया कि उन्होंने कुम्हारी टीकाकरण केंद्र में वैक्सीन लगवाई थी। वैक्सीन लगने के कुछ दिनों बाद उन्हें एक नहीं बल्कि 2 मैसेज आए। जब खोला तो वे आश्चर्यचकित रह गए। क्योंकि एक लिंक से कोवैक्सीन लगाए जाने का सर्टिफिकेट जनरेट हुआ और दूसरे से कोविशील्ड का। बोले, अच्छा था कि मैंने टीका लगाने वाले स्टाफ से पूछ लिया कि कौन सी वैक्सीन लगा रहे हैं, नहीं पूछता बहुत बड़ी गड़बड़ हो जाती।
आईसीएमआर की यह है गाइडलाइन
आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक अगर आपको पहला डोज कोविशील्ड का लगा है तो दूसरा भी कोविशील्ड का ही लगेगा। दूसरे ब्रांड की वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती, क्योंकि वैक्सीन अलग-अलग फॉर्मूले से तैयार हुई हैं, इनसे एंटीबॉडी बनने का समय अलग है।
स्वास्थ्य विभाग के राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अमर सिंह ठाकुर ने कहा, सीटी टीका पोर्टल में गलत डेटा फीड होने की वजह से गलत मैसेज जा रहे हैं। ऐसी काफी शिकायतें हैं, इन्हें दूर किया जा रहा है। आप दूसरा डोज लगवाने जाएं तो फॉर्म साथ रखें।
Published on:
28 May 2021 07:41 pm
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