
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) में 660 करोड़ रुपए का घोटाला ( Photo - patrika )
CGMSC Scam: छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) ने इस माह 7 बड़ी कार्रवाई की है। इसमें रीएजेंट सप्लाई करने वाले दुर्ग के मोक्षित कॉर्पोरेशन व उससे जुड़ी दो अन्य फर्म और डीकेएस अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट आधा-अधूरा बनाने वाली फर्म शामिल है। चारों को 3-3 साल के लिए ब्लैक लिस्टेड किया गया है। वहीं, खून पतला करने वाले इंजेक्शन हिपेरिन बनाने वाली वड़ोदरा की फॉर्मास्यूटिकल कंपनी के अलावा इंजेक्शन को ओके रिपोर्ट देने वाली दो लैब के साथ रेट कांट्रेक्ट खत्म किया गया है।
इस मामले में क्वालिटी कंट्रोल के तत्कालीन डिप्टी मैनेजर लक्ष्मण खेलवार को सस्पेंड करने की अनुशंसा भी की गई है। दवा व उपकरण खरीदी मामले में हमेशा विवादों में रहने वाला सीजीएमएससी इस बार एक्शन मूड में दिख रहा है। हालांकि इस एक्शन में ईओडब्ल्यू व एसीबी की भूमिका बड़ी है।
इसके बाद मजबूरन में ही सही सीजीएमएससी को रीएजेंट सप्लाई करने वाले फर्म व सहयोगियों के खिलाफ एक्शन लेना पड़ा है। 660 करोड़ के रीएजेंट व मेडिकल उपकरण घोटाले में दवा कॉर्पोरेशन के अधिकारियों की भी मिलीभगत होने की आशंका है, जिनके खिलाफ कार्रवाई होनी बाकी है। एसीबी घोटाले में लिप्त व संदिग्ध भूमिका वाले अधिकारियों के बयान लिए जा रहे हैं।
पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि स्टोर इंचार्ज से लेकर क्वालिटी कंट्रोल से जुड़े अधिकारी व तत्कालीन एमडी की भूमिका संदिग्ध है। विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, 28 करोड़ के रीएजेंट खराब हो चुके हैं। यही नहीं, मोक्षित द्वारा सप्लाई ब्लड जांचने वाली मशीन भी बंद है, क्योंकि इसे लॉक कर दिया गया है, ताकि मोक्षित से ही रीएजेंट लिया जा सके। इतने बडे घोटाले में केवल वेंडर्स ही आरोपी हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। जानकारों के अनुसार, मोक्षित कॉर्पोरेशन के खिलाफ शिकायत 2022 में हुई थी, लेकिन मामला दबा दिया गया था।
Updated on:
26 Feb 2025 04:40 pm
Published on:
26 Feb 2025 02:13 pm
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