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छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, अब 21 वर्ष का व्यक्ति बन सकेगा महापौर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई महापौर पद के लिए न्यूनतम आयुसीमा घटाकर 21 वर्ष की गई दलीय आधार पर लड़े जाएंगे नगरीय निकाय चुनाव

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छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, अब 21 वर्ष का व्यक्ति बन सकेगा महापौर

छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, अब 21 वर्ष का व्यक्ति बन सकेगा महापौर

रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 24 अक्टूबर की रात को कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें कैबिनेट ने महापौर और पालिका अध्यक्ष के लिए अप्रत्यक्ष चुनाव का प्रावधान करने वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी। अब इसे राज्यपाल के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। उनके हस्ताक्षर के बाद राजपत्र में प्रकाशित होगा।

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नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने बताया कि चुनाव दलीय आधार पर लड़े जाएंगे। मतपत्रों से चुनाव होगा। जनता के चुने हुए पार्षद अपने बीच से महापौर चुनेंगे। पुराने कानून में पार्षद के लिए न्यूनतम आयुसीमा 21 वर्ष और महापौर के लिए 25 वर्ष निर्धारित थी। अब पार्षद को ही महापौर बनना है इसलिए महापौर पद के लिए न्यूनतम आयुसीमा को घटाकर 21 वर्ष कर दिया गया है।

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नई औद्योगिक नीति 2019-24
छत्तीसगढ़ की नवीन औद्योगिक नीति 2019-24 का अनुमोदन किया गया। जो आगामी 1 नवम्बर 2019 से 31 अक्टूबर 2024 के लिए लागू होगी।

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मुआवजा राशि चार गुना
कैबिनेट में आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति-2016 में संशोधन का अनुमोदन किया गया। इसके तहत आपसी सहमति से ग्रामीण क्षेत्रों में अर्जित की जाने वाली भूमि एवं उस भूमि पर स्थित स्थावर परिसंपत्तियों के मूल्य की मुआवजा राशि को दोगुना से बढ़ाकर चार गुना किया गया है।

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दुकानों के किराए में कटौती
छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों में नगरीय निकायों द्वारा निर्मित दुकानों के किराए में कटौती का निर्णय लिया गया। जिससे करीब 3 हजार हितग्राही लाभान्वित होंगे। पूर्व में इन दुकानों का किराया स्वीकृत प्रीमियम राशि का 7.2 प्रतिशत अधिकतम था, जिसे घटाकर ऑफसेट प्राइस के 2 प्रतिशत पर सीमित किया गया। इससे निकाय क्षेत्रों में खाली दुकानों की नीलामी उचित मूल्य पर संभव हो सकेगी साथ ही निकायों की आय में भी वृद्धि होगी। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा।

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