
इस रहस्यमयी पीपल के पेड़ में रहते हैं 100 से ज्यादा अजगर, जिनसे डरते नहीं बल्कि इन्हें पूजते हैं गांववाले
आकांक्षा अग्रवाल@रायपुर. अक्सर जब भी हम सांपों के बारे में सुनते हैं हमारे अंदर रोमांच और डर दोनों एक साथ आ जाता है। ये तो हम सभी जानते हैं कि अजगर सांपों की प्रजाति में एक ऐसा सांप है जिसके आक्रमक स्वाभाव के कारण अक्सर लोग इस सांप से डरते हैं। पर क्या आपने कभी ये सूना या सोचा है कि कैसा होता अगर अजगर इंसानों के दोस्त होते। यह सूनने में बहुत अजीब लगती है, छत्तीसगढ में एक ऐसा गांव है जहां एक इंसान अपने घर के आंगन में लगे पीपल के पेड़ में एक नहीं बल्कि सैकड़ों अजगर पाले हुए हैं।
छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा से करीब 12 किमी दूर मौजूद है ग्राम भड़ेसर। इस गांव में रहने वाले महात्माराम पांडे ने अपने घर में लगे बड़े से पीपल के पेड़ में एक या दो नहीं बल्कि 100 से 150 अजगर पाल रखे हैं। 200 साल पुराने इस पेड़ की कई हिस्से टूट चुके हैं जिसके कारण पेड़ अंदर से खोखला है। इस खोखले हिस्से में अक्सर अजगर मंडराते हुए देखे जा सकते हैं।
बारिश के समय में जब पेड़ के खोखले हिस्सों में पानी भर जाता है तो बहुत से अजगर बाहर निकल आते हैं। इस दौरान आप अजगर के छोटे बच्चों को बड़े मजे से खेलते हुए देख सकते हैं। इन अजगरों ने अभी तक किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया है। यहां तक की इन्होने पेड़ में बैठे पक्षियों को भी कभी परेशान नहीं किया है।
अजगरों से स्नेह रखने वाले आत्माराम पांडे ने बताया कि जिस जगह पर पीपल का पेड़ है, वहां पहले पास ही खेत भी था तो उनके दादाजी ने पहली बार कुछ अजगरों को लाकर पाला था। और तब से अभी तक इस पीपल के पेड़ पर अजगरों ने अपना आशियाना बनाया हुआ है।
पांडे ने बताया कि वह इन अजगरों को आसपास के गांवों से पकडकऱ लाए हैं। दिलचस्प बात यह है कि कई सालों से पेड़ पर रह रहे अजगर और बाहर से पकडकऱ लाए अजगरों में जल्द ही दोस्ती हो जाती है। इन अजगरों का रंग पेड़ों की टहनियों जैसा है इसलिए इनको दूर से पहचान पाना मुश्किल है। पर अजगरों को देखने यहां पर दूर-दूर से लोग भड़ेसर पहुंचते हैं।
भड़ेसर गांव के लोग अजगरों को धनबोड़ा यानी धन देने वाले मानते हैं। इसी के चलते अजगर ग्रामीणों के लिए पूजनीय हैं और यहां कोई आदमी अजगरों पर हमला नहीं करता। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि अजगर शुभ होते हैं और उनके रहने से जिंदगी में धन प्राप्त होता है। यही वजह है कि यहां ग्रामीण हर विशेष अवसर और त्यौहार पर इन अजगरों से आर्शीवाद लेते हैं। दूसरे गांवों के लोग इन अजगरों को देखने यहां आते हैं, इसलिए भड़ेसर के लोग इन अजगरों को अब गांव की शान समझते हैं। जो भी आदमी बाहर से इन्हें देखने आता है उसे ग्रामीण पीपल के पेड़ के पास तक ले आते हैं।
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Published on:
13 Jul 2019 07:19 am
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