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7 हजार करोड़ के ठेके में गड़बड़ी की शिकायत, बनी जांच समिति

- मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम गठित- जल मिशन के तहत कार्यों के बाहरी लोगों को ठेके देने का आरोप

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रायपुर . मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत कार्य आबंटन प्रक्रिया के संबंध में प्राप्त हो रही विभिन्न शिकायतों को गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने इन शिकायतों के परीक्षण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की गई है। इस जांच टीम में अपर मुख्य सचिव वित्त और सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को भी शामिल किया गया है। दरअसल, कांग्रेस और जकांछ के कार्यकर्ताओं की शिकायत है कि इस ठेके में खास लोगों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।

मालूम हो कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों के घरों में वर्ष 2024 तक पाइप लाइन के माध्यम से पेयजल आपूर्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्तमान में जल जीवन मिशन में लगभग 7 हजार करोड़ रुपए के कार्यों के आबंटन की प्रक्रिया प्रगति पर है।

यह है पूरा मामला
जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत वर्ष 2023 तक लगभग 40 लाख परिवारों को पीने के शुद्ध पानी के कनेक्शन देना है। इसके लिए सरकार ने जल जीवन मिशन योजना के लिए 10 हजार करोड़ का आबंटन किया है, जिसमें कुल 1376 ठेकेदारों को काम मिला है। शिकायत में आरोप है, टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता बरते हुए इस योजना में 70 प्रतिशत अर्थात 7 हजार करोड़ का काम बाहरी 10 ठेकेदारों को दिया गया है, जो कि मैदानी इलाके में काम करेंगे। जबकि बस्तर में काम करने की जिम्मेदारी स्थानीय ठेकेदारों को दी गई है। इसके जरिए 10 बाहरी कंपनियों को लाभ पहुंचाने का आरोप भी लगा है।


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