
रायपुर. छत्तीसगढ़ में साइबर ठगों (Cyber Thug) के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि पहले आईएएस और आईपीएस अफसरों के बाद अब प्रदेश सरकार के मंत्री का फर्जी आईडी बनाकर ठगी की कोशिश की। दरअसल, नगरीय निकाय मंत्री डॉक्टर शिव डहरिया (Urban Bodies Minister Dr. Shiv Dahariya) के फेसबुक के जरिए उनके ही एक दोस्त से ठगी की कोशिश का खुलासा हुआ है। मंत्री के फेसबुक मैसेंजर के जरिए अजीत लकरा से 20 हजार रुपए मांगे गए। जब अजीत को शक हुआ तब उन्होंने पूछा- आप तो मंत्री हो, आपके पास तो लाखों-करोड़ों रुपए होंगे। फिर 20 हजार रुपए की क्या जरूरत पड़ गई?
मंत्री की फेसबुक आईडी से राजेश नाम से एक बैंक एकाउंट नंबर भी भेजा और उसमें पैसा डालने कहा। जब अजीत ने पैसों की जरूरत के बारे में पूछा तो मंत्री का कहना था कि उनका एक दोस्त अस्पताल में भर्ती है। उसके इलाज के लिए पैसा भेजना है। कुछ देर और चैटिंग करने के बाद लकरा समझ गए कि यह मंत्री शिव डहरिया नहीं हैं, बल्कि उनके स्थान पर कोई और चैटिंग कर रहा है।
इसकी सूचना उन्होंने मंत्री के स्टाफ को दी। बाद में पता चला कि अज्ञात व्यक्ति ने मंत्री के नाम से फेसबुक आईडी बना रखा है और उनके फेसबुक से जुड़े लोगों को मैसेज भेजकर पैसों की मांग कर रहा है। इसकी शिकायत साइबर सेल से की गई। पुलिस ने मंत्री डहरिया का फर्जी फेसबुक आईडी ब्लॉक कर दिया। और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
ऑनलाइन ठगी का नया तरीका
यह ऑनलाइन ठगी का नया तरीका है। इस तरह की ठगी झारखंड का जामताड़ा गैंग कर रहा है। यह गैंग पहले एटीएम नंबर और पासवर्ड पूछकर ठगी करता था। अब उसने फेसबुक कॉपी करके फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर लोगों को झांसा देना शुरू कर दिया है। इससे पहले भी कई शिकायतें पुलिस तक पहुंच चुकी है। इसमें अक्सर किसी दोस्त, पत्नी या बच्चों के बीमार होने की झूठी जानकारी देते हुए चैटिंग करते हैं। इसके बाद एकाउंट नंबर में मदद के तौर पर पैसा जमा करने के लिए कहते हैं।
कई अफसर हो चुके हैं शिकार
मंत्री डहरिया से पहले कई पुलिस अफसरों के नाम पर भी इसी तरह से ठगी कोशिश की गई थी। आईपीएस विजय अग्रवाल के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर कई लोगों से पैसे मांग करते हुए मैसेज भेजा गया था। बाद में इसकी शिकायत साइबर सेल से की गई थी। इसी तरह कुछ और अफसरों के नाम पर भी इसी तरह से पैसों की मांग की गई थी। उन मामलों की जांच भी पुलिस कर रही है।
भरोसा जीतने का फंडा
ऑनलाइन ठगी करने वाले जिस व्यक्ति के नाम से फेसबुक आईडी बनाते हैं, उसके फ्रेंडलिस्ट में शामिल लोगों को ही मैसेज करते हैं। इसके पीछे उनका मकसद रहता है कि उनके फ्रेंडलिस्ट में होने और मेडिकल इमरजेंसी देखकर कोई भी मदद कर सकता है। हालांकि इस तरह से अभी तक ठगी का मामला रायपुर में दर्ज नहीं हुआ है। केवल ठगी की कोशिश का मामला सामने आया है।
जांच भी मुश्किल
फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर ठगी करने या आपत्तिजनक सामग्री डालने वालों को पकड़ने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ती है। पुलिस को कंप्यूटर और इंटरनेट का आईपी एड्रेस ढूंढना पड़ता है। इसके बाद संबंधित कम्प्यूटर व स्थान के बारे में पता करते हैं। फिर कम्प्यूटर या मोबाइल धारक की तलाश शुरू होती है। फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर ठगी करने की कोशिश के आधा दर्जन मामले सामने आ चुके हैं।
रायपुर एएसपी-क्राइम अभिषेक माहेश्वरी ने कहा, फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर ठगी की कोशिश में झारखंड के जामताड़ा व अन्य गिरोह का हाथ है। इन लोगों ने ठगी का अपना पुराना तरीका बदल दिया है। पुलिस ने मंत्री का फर्जी फेसबुक एकाउंट बंद कर दिया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।
Published on:
11 Oct 2020 08:38 pm
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