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दिनों- दिन बढ़ रही गोबर से बने पेंट की डिमांड, 15 सौ किलो गोबर से बना तीन हजार लीटर पेंट

- अंबिकापुर-कोरबा से आया 190 लीटर का डिमांड, मुख्यमंत्री भी दे चुके है स्कूल को गोबर पेंट से चमकाने के निर्देश।

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दिनेश यदु @ छत्तीसगढ़ सरकार लगतार गोबर से निर्मित उत्पादाें के प्रचार-प्रसार पर फोकस कर रही है। अब गोबर से पेंट का निर्माण भी हो रहा है। रायपुर के जरवाय गोठान में निर्मित पेंट का उपयोग सबसे पहले रायपुर नगर निगम में किया गया। इसकी सफलता के बाद अब अंबिकापुर और कोरबा में भी गोबर सेे बने पेंट की डिमांड गोठान से हुई है। रायपुर नगर निगम मुख्यालय में करीब 500 लीटर गोबर पेट का उपयोग किया गया है, वहीं अंबिकापुर में 120 लीटर, कोरबा में 70 लीटर व राजधानी में 3310 लीटर पेंट से लोग अपने घरों का रंग-रोगन कर चुके हैं।

जरवाय गोठान में गोवर्धन महिला स्वसहायता समूह की महिलाएं पेंट तैयार कर रहीं है। समूह की महिलाएं अब तक 3000 लीटर पेंट बेच चुकी हैं। जबकि पांच महीने में करीब 4000 लीटर पेंट का निर्माण इस गोठान से किया जा चुका है।

शहर में केमिकल युक्त पेंट बड़ी-बड़ी कंपनियों के 350 रुपए लीटर से प्रारंभ है, तो वहीं जरवाय गोठान में गोबर से तैयार हुआ गोबर का पेंट का दाम 150 रुपए प्रति लीटर है। इसके अलावा गोठान में गोबर से बने अलग-अलग प्रकार के पेंट की कीमत 150 रुपए से शुरु होकर 300 रुपए तक है। इसके अलावा कंपनी की पुट्टी जहां 850 रुपए बोरी है, तो गोबर से बनी पुट्टी 700 रुपए बोरी है।

महापौर एजाज ढ़ेबर ने मोर महापौर मोर द्वार कार्यक्रम में मुख्यमंत्री आवास व कार्यालय सहित सभी शासकीय कार्यालयों की पुताई गोबर से बने पेंट से करने की घोषणा की थी। इसके बारे में प्रबंधक सहल साहू ने बताया कि शासकीय भवनों में अभी कम उपयोग हो रहा है, अगर शासन से कोई आदेश आए तो आरडीए, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की भवनों में गोबर से बने पेंट की मांग बढ़ जाएगी।

गोवर्धन महिला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष धनेश्वरी रात्रे ने बताया कि गोठान में पेंट के साथ-साथ, खाद व गोबर के दिये भी बनाए जा रहे हैं। फिलहाल दिये का निर्माण हो रहा है। डंगनिया स्थित गोठान में फिलहाल अभी पेंट बनाने वाली मशीन नहीं लगाई गई है। मशीन को जांच करने के लिए एक बार पेंट बनाया गया था, जिस पेंट का उपयोग अभी दीये के रंग-रोगन में किया जा रहा है।