
नवमी और दशमी तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति खत्म, यह है सही जानकारी
रायपुर. कोरोनाकाल की वजह से दशहरा पर्व (Dussehra 2020) सादगी से मनाने की तैयारियां शहर के दशहरा मैदानों में चल रही हैं। दशानन का केवल 10 फीट ऊंचा पुतला दहन के साथ लंका पर भगवान श्रीराम के विजय का पर्व विजयादशी का पर्व मनेगा। आतिबाजी और रामलीला का मंचन नहीं होगा।
दशहरा उत्सव मनाने की तिथि को लेकर भी शंकराचार्य आश्रम के प्रमुख स्वामी इंदुभवानंद ने साफ करते हुए कहा कि नवमी और दशमी तिथि की युति होने से दशहरा उत्सव 25 अक्टूबर को मनाना शास्त्र सम्मत होगा। इसी दिन साल में एक बार दशहरा के दिन ही प्राचीन कंकाली मठ खुलेगा, जहां मां दुर्गा के अस्त्र-शास्त्रों के दर्शन होते हैं।
स्वामी इंदुभवानंद के अनुसार शनिवार को अष्टमी तिथि सुबह 11.28 बजे पूर्ण होकर नवमी तिथि प्रारंभ होगी। ज्योतिष शास्त्र एवं धर्म शास्त्र के अनुसार महानवमी का व्रत एवं चण्डिका पूजन सिद्धिदात्री पूजन होगा। निर्णयसिन्धु एवं धर्मसिन्धु के अनुसार महानवमी तु पूर्वयुता ग्राह्या अर्थात् नवमी तिथि पूर्वविद्धा अष्टमी युता ही ग्रहण करना चाहिए। विजयादशमी में विशेष रूप से दुर्गा विसर्जन, अपराजिता पूजन, शमी पूजन, नीलकंठ दर्शन एवं विजय यात्रा के विशेष उत्सव का अवसर है।
कल सुबह 11.14 बजे से दशमी तिथि
इस वर्ष विजयादशमी तिथि 25 अक्टूबर रविवार को सुबह 11 बजकर 14 मिनट से प्रारम्भ होकर दूसरे दिन सोमवार को 11 बजकर 33 मिनट तक है। धर्मसिंधु में ऐसा मत प्राप्त है कि विजयादशमी सदा नौमी युक्त मानना ही श्रेष्ठ है। इसलिए मां दुर्गा का विसर्जन और शस्त्र पूजन का पर्व विजयदशमी रविवार को है। सोमवार को केवल विजय यात्रा का मुहूर्त है।
Published on:
24 Oct 2020 02:51 pm
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