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सरकारी डॉक्टर का खुला राज, पत्नी संग खुद की क्लीनिक में करता था यह गंदा काम

पत्रिका टीम ने एक सरकारी डॉक्टर दंपती की हकीकत उजागर की है, जोकि मनमाना पैसे लेकर अवैध रूप से गर्भपात कराने का अवैध कारोबार कर रहे थे।

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रायपुर. भाठागांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर द्वारा अवैध रूप से गर्भपात कराने का मामला सामने आया है। इस अवैध कारोबार की शिकायत के बाद पत्रिका टीम ने डॉक्टर की हकीकत उजागर करने के लिए पूरे खेल को कैमरे में कैद किया। डॉक्टर किशोर सिन्हा और उनकी पत्नी कविता सिन्हा सरकारी अस्पतालों में पदस्थ हैं। जब मरीज इनके पास सरकारी अस्पताल में पहुंचते हैं तो उन्हें झांसा देकर अपने निजी अस्पताल 'संवेदना नर्सिंग होम' पर बुलाते हैं और इलाज के नाम पर मनमानी फीस वसूलते हैं।

भाठागांव पीएससी- रिपोर्टर ने पर्ची कटाई और डॉक्टर के पास पहुंचा

रिपोर्टर: सर मुझे बॉडी पेन हो रहा है।

डॉक्टर सिन्हा: ये दवाएं जाकर काउंटर से लेलो। (पर्ची लिखते हुए)

रिपोर्टर: सर क्या यहां पर अबार्सन कराया जाता है।

डॉक्टर सिन्हा: नहीं यह सरकारी अस्पताल है, यहां नहीं होता।

रिपोर्टर: ठीक है सर। (रिपोर्टर वापस जाने के लिए उठा)

डॉक्टर सिन्हा: रुको, किसका कराना है।

रिपोर्टर: मेरी पत्नी है सर।

डॉक्टर सिन्हा: तुम भाठागांव चौक के थोड़ा आगे मठपारा स्थित मेरे अस्पताल संवेदना नर्सिंग होम आ जाओ। (डॉक्टर ने अपने अस्पताल का पता और अपना मोबाइल नंबर एक पर्ची पर लिखकर दिया और दोपहर 1 बजे नर्सिंग होम में मिलने को कहा)

रिपोर्टर: जी सर।

डॉक्टर सिन्हा: अभी यह पीएससी खुला हुआ है, अपनी पत्नी को ले आओ, यहां खून व अन्य जांच फ्री में करवा देता हूं। अबार्शन के लिए मेरे अस्पताल ले आना।

रिपोर्टर: जी सर सभी टेस्ट पहले ही करा चुका हूं।

'पत्रिका' टीम संवेदना नर्सिंग होम के बाहर पहुंची

भाठागांव चौक स्थित संवेदना अस्पताल

'पत्रिका' टीम गुरुवार सुबह 11.20 बजे संवेदना नर्सिंग होम के बाहर पहुंची। डॉक्टर 11.35 बजे अस्पताल से भाठागांव पीएससी के लिए निकले। डॉक्टर के निकलते ही पत्रिका टीम निजी अस्पताल संवेदना नर्सिंग होम के भीतर पहुंची और यहां पर मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि डॉक्टर रोज साढे़ 11 बजे भाठागांव पीएससी जाते हैं और 2 बजे वापस लौटते हैं।

संवेदना नर्सिंग होम

'पत्रिका' का एक रिपोर्टर भाठागांव पीएएससी में मौजूद था। यहां से डॉक्टर 1 बजे निकला, लेकिन अपने निजी अस्पताल 20 मिनट तक नहीं पहुंचे, तो यहां के स्टॉफ से पूछने पर उसने बताया कि डॉक्टर साहब साईं नर्सिंग होम में भी सेवाएं देते हैं, वहीं गए होंगे। इतने मे तकरीबन 1.20 मिनट पर उनकी पत्नी कविता सिन्हा अस्पताल पहुंची। ये जिला अस्पताल कालीबाड़ी में पदस्थ हैं। इनकी ओपीडी दोपहर 2 बजे बंद होती है।

संवेदना नर्सिंग होम के डॉ. किशोर सिन्हा ने कहा कि बिना सोनोग्राफी के हम गर्भपात की दवा नहीं देते। आपको अर्जेंट था, इसलिए मैं देने को तैयार हो गया। रही बात पीएससी समय पर पहुंचने की तो सीएमएचओ ने मुझे झोलाछाप डॉक्टरों की जांच का प्रभार दिया है, इसलिए मैं समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाता।

दूसरों के लाइसेंस जांचने का दिया अधिकार, खुद के अस्पताल का लाइसेंस नहीं

संविदा पर कार्यरत डॉक्टर किशोर सिन्हा को निजी अस्पतालों व झोलाछाप डॉक्टरों की जांच के लिए भाठागांव इलाके का जांच अधिकारी बनाया गया है। अहम बात यह है कि सीएमएचओ ने एक संविदा डॉक्टर को जांच अधिकारी कैसे बना दिया।

पत्रिका के सवाल पर सीएमएचओ बोले - करूंगा कार्रवाई
इस मामले पर रायपुर सीएमएचओ एसके शांडिल्य ने कहा कि आप मुझे वीडियो भेजिए, मैं कार्रवाई करूंगा। एेसे डॉक्टर पेशे को बदनाम करते हैं।