
Dmf Scam: ईओडब्ल्यू ने प्रदेश में हुए 75.1 करोड़ के डीएमएफ घोटाले में 6020 पन्नों का कोर्ट में मंगलवार को चालान पेश किया। इसमें न्यायिक रिमांड पर जेल भेजे गए निलंबित आईएएस रानू साहू को मुख्य आरोपी बनाया गया है। साथ ही घोटाला करने के लिए बनाए गए सिंडीकेट में सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, आदिवासी विकास विभाग की तत्कालीन सहायक आयुक्त माया वारियर, तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी भुनेश्वर सिंह राज, बिचौलिया मनोज द्विवेदी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी, डीएमएफ भरोसाराम ठाकुर, तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी वीरेन्द्र राठौर एवं तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी राधेश्याम मिर्झा को सहआरोपी बनाया गया है।
चालान में 40 फीसदी कमीशन की बात
पेश किए गए चालान में बताया गया है कि घोटाला करने के लिए दस्तावेजों में हेराफेरी कर अपने करीबी ठेकेदारों को उपकृत किया जाता था। इसके एवज में 40 फीसदी कमीशन लिया जाता था। अवैध वसूली की राशि की बंदरबांट होती थी। इस खेल में शामिल 9 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इस समय प्रकरण की जांच चल रही है। बता दें कि प्रकरण की विशेष न्यायाधीश की अदालत में वर्चुअल सुनवाई हुई। अब इस प्रकरण की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी।
अभियोजन स्वीकृति मांगी
डीएमएफ घोटाले में जेल भेजी गई रानू साहू के खिलाफ दर्ज किए गए प्रकरण में केंद्र सरकार से अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है। इसी तरह राज्य सेवा के अधिकारी सौम्या चौरसिया, माया वारियर, भुनेश्वर सिंह राज, भरोसाराम ठाकुर, वीरेन्द्र राठौर एवं राधेश्याम मिर्झा के प्रकरण में राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति के लिए पत्र लिखा है।
Updated on:
28 May 2025 08:02 am
Published on:
28 May 2025 08:01 am
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