अगले महीने नतीजे जारी होने की संभावना है। प्रदेश में साल में दो बार सीजी बोर्ड परीक्षा होगी। फरवरी-मार्च प्रथम परीक्षा और जून-जुलाई में द्वितीय मुख्य परीक्षा होगी। साथ आपको बता दे कि इस साल से ही नई व्यवस्था लागू हो चुकी है।
दो हजार से अधिक छात्र फर्स्ट डिवीजन से हुए पास
इसके अनुसार ही पूरक की जगह दसवीं-बारहवीं की द्वितीय परीक्षा आयोजित की गई। इसमें फेल व पूरक के अलावा पहली बोर्ड परीक्षा में पास हुए छात्र भी श्रेणी सुधार के लिए शामिल हुए हैं। पास हुए छात्रों में दो हजार से अधिक छात्र फर्स्ट डिवीजन हैं। बता दे कि पिछले कुछ वर्षों में न सिर्फ रिजल्ट बढ़ा है, बल्कि फर्स्ट डिवीजन वाले छात्रों की संख्या भी बढ़ी है। दसवीं बोर्ड में तो पिछले पांच वर्षों से हर बार एक लाख से अधिक छात्र प्रथम श्रेणी से पास हो रहे हैं। वही एनालिसिस से यह भी पता चला कि पिछले कुछ वर्षों से बारहवीं में भी लगातार 25 फीसदी से अधिक छात्र इसी श्रेणी से उत्तीर्ण हुए। प्रदेश में 20 केंद्र बनाए गए
बता दे कि फेल व पूरक के अलावा पहली बोर्ड परीक्षा में पास हुए छात्र भी श्रेणी सुधार के लिए शामिल हुए हैं। इसी तरह सेकंड डिवीजन वाले छात्रों की संख्या साढ़े तीन हजार से अधिक है। जानकारी क मुताबिक द्वितीय बोर्ड परीक्षा की कापियों के मूल्यांकन के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से प्रदेश में 20 केंद्र बनाए गए हैं। वही इसमें राजधानी में दो केंद्र हैं। पहली बोर्ड परीक्षा में राज्य में 36 मूल्यांकन केंद्र बने थे। इसमें छात्रों की संख्या कम है, इसलिए मूल्यांकन केंद्रों की संख्या कम है।