
पहली बार 13 वनभैंस होंगे आजाद, पिंजरे से निकलकर जंगल में मचाएंगे धमाचौकड़ी
रायपुर@ टाइगर रिजर्व सीतानदी-उदंती स्थित बाड़े में रखे गए 13 राजकीय पशु वनभैंसा पहली बार जंगल की खुली हवा में सांस लेंगे। लगातार सिमट रहे कुनबे को बचाने के लिए जल्दी ही 6 मादा और 7 नर वनभैंसों को जंगल में छोडऩे की योजना बनाई गई है। यह सभी व्यस्क हो चुके हैं। इसे देखते हुए वन विभाग मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है। इसकी अनुमति मिलते ही बारिश के समय सभी को झुंड में छोडा़ जाएगा। साथ ही विभागीय टीम द्वारा उनकी निगरानी की जाएगी। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विलुप्ति की कगार पर पहुंचने के कारण 2015 में उन्हें बाड़े में रखा गया था। इस दौरान विभागीय टीम द्वारा संरक्षण और संवर्धन किया गया। इसके चलते उनकी संख्या 5 से 19 तक पहुंच गई है। बता दें कि राजकीय पशु का कुनबा बढ़ाने के लिए असम स्थित मानस राष्ट्रीय उद्यान से 6 वनभैंसों को लाने के बाद छत्तीसगढ़ के बारनवापारा अभयारण्य स्थित बाड़े में रखा गया है।
बहुतायत मात्रा में शिकार
राज्य निर्माण के पहले बस्तर, गरियाबंद और सरगुजा के जंगलों में 150 से ज्यादा वनभैंसों के झुंड विचरण करते थे। लेकिन, बहुतायत संख्या में शिकार के चलते लगातार उनका कुनबा सिमटते गया। 2005 में 72 वनभैंस सीतानदी उदंती में होने का दावा वन विभाग ने किया गया था। लेकिन, डब्ल्यूटीआई की टीम की गणना पर पता चला कि वहां मात्र 7 वनभैंस ही रह गए हैं। वहीं सरगुजा और बस्तर क्षेत्र में उनका निशान तक मिट चुका है। हालात को देखते हुए वन विभाग द्वारा गिनती के बचे हुए वनभैंसों को बचाने के लिए बाड़े में रखा गया।
उच्च नस्ल के 7 वनभैंस
इस समय बाड़े में 6 और जंगल में शुद्ध नस्ल का एक वनभैंस विचरण कर रहा है। वहीं अन्य वनभैंस क्रास ब्रीड के माने जाते हैं। बताया जाता है कि बाड़े में बंधक बनाकर रखे गए अनुसूची एक के वन्य प्राणी को लगातार रखने से यह सभी पालतू पशुओं की तरह व्यवहार करने लगे थे। इसे देखते हुए उन्हें जंगल में छोडऩे पर पिछले काफी समय से विचार चल रहा था। व्यस्क हो चुके वनभैंसों को छोडऩे के लिए वन विभाग के चिकित्सकों और विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद उन्हें छोडा़ जा रहा है।
विचरण कर रहे 30 वनभैंस
इंद्रावती नदी के किनारे 30 वनभैंसों का 5 झुंड अक्सर विचरण करते हुए देखा जा सकता है। राज्य के बार्डर से सटे हुए महाराष्ट्र के कोलामार्का अभयारण्य और इंद्रावती नदी के किनारे देखे जाते है। इसे लेकर छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र वन विभाग के अधिकारी अपना बताकर दावा करते हैं। लेकिन, नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण वन विभाग का अमला पूरे क्षेत्र से जाने से परहेज करता है।
बाड़े से होगी रिहाई
बाड़े में रखे गए 13 वनभैंसों को जल्दी ही जंगल में छोड़ा जाएगा। वन विभाग मुख्यालय को इसका प्रस्ताव भेजा गया है। राज्य वन्य जीव बोर्ड के अनुमति मिलते ही बारिश के समय छोडऩे की योजना बनाई गई है।
- वरूण जैन, उपनिदेशक सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व, गरियाबंद
Published on:
10 Jun 2023 06:57 pm
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