
Gold Rate Today 27th October 2020, Gold and Silver Price in India
रायपुर. Gold And Silver News: सोने-चांदी को गलाने व चमकाने वाले सराफा रिफाइनरियां प्रदूषण जांच की दायरे में आ गई है। बीते दिनों शिकायतों पर पर्यावरण संरक्षण मंडल के द्वारा कराई गई जांच में करीब डेढ़ दर्जन रिफाइनरियों पर आरोप सही पाए गए हैं जिस पर अभी नोटिस जारी किया गया है।
जांच में किसी भी सराफा कारोबारी के पास लाइसेंस तक नहीं मिला तो सल्फ्यूरिक एसिड का रखरखाव भी सही तरीके से किया जाना नहीं पाया गया। सभी के द्वारा एसिड को नाले में बहाया जा रहा है। मामला शहर के बीचोबीच स्थित सराफा बाजार बूढ़ापारा व हलवाई लाइन का है।
क्षेत्र के ही दर्जनों लोगों ने कलेक्टर, नगर निगम और पर्यावरण संरक्षण मंडल को शिकायत की थी कि सराफा बाजार में अवैध तरीके से सोना-चांदी को गलाकर शुद्ध करने व चमकाने को रिफाइनरी लगा ली है, जिनमें सल्फ्यूरिक एसिड का इस्तेमाल किया जा रहा है। एसिड सोने में मिश्रित तांबे को रसायनिक क्रिया से वाष्प के रूप में बदलता है।
नल की पाइप लाइन और भू जल खराब हो रहा
यह एसिड तांबे से रासायनिक क्रिया कर कॉपर ऑक्साइड बनाता है और वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन को नष्ट कर देता है। इससे जहां सांस लेने में दिक्कत है वहीं तांबा वाष्प के रूप में सांस के साथ फेफडों पर जमा हो जाता है जो मृत्यु का कारक है। यही नहीं, एसिड को इस्तेमाल के बाद नालियां में बहा दिया जा रहा है जिससे नगर निगम की पाइपलाइन, नालियां व घरों की नींव के साथ भूजल भी खराब हो रहा है।
कई विभाग कर सकते हैं कार्रवाई
किसी के पास फायर की एनओसी भी नहीं है। प्रदूषण, अग्निशमन व नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारी को अलग-अलग जांच कर कार्रवाई करना चाहिए, लेकिन अब मामला प्रदूषण विभाग के पाले में है।
पर्यावरण संरक्षण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी मनीष कश्यप ने कहा, रहवासियों से शिकायत प्राप्त हुई है। सभी को नोटिस दिया गया है। जो मंडल की गाइडलाइन के आधार लाइसेंस के लिए आवेदन कर रहे हैं उनकी जांच कर लाइसेंस जारी किया जाएगा। बाकी पर कार्रवाई की जाएगी।
इतना है खतरनाक
1. सोना-चांदी की शुद्धीकरण में खरतनाक रसायनों का प्रयोग होता हैं। जहरीली गैस को रिहायशी इलाके में छोड़ा जा रहा है।
2. बड़े पैमाने पर छोटे-छोटे कमरों में संचालित हो रही रिफाइनरी में गैस सिलंडरों का उपयोग हो रहा, जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा घट सकता।
3. कार्य के दौरान तरल व ठोस अपशिष्ट पदार्थ को खुलेआम सड़कों व नालियों में फेंक दिया जाता, जिससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
क्या है दुष्प्रभाव
- श्वांस संबंधी रोग
- आंखों में जलन
- चर्म व ह्रदय संबंधी बीमारी
- हाइपरटेंशन सहित लकवा
- बच्चों में शारीरिक रूप से विकास में बाधा
Published on:
22 Aug 2021 01:26 pm
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