
Right to health bill: बढ़ सकती हैं मरीजों की मुश्किलें, 21 मार्च तक बंद रहेंगे निजी अस्पताल
रायपुर. छत्तीसगढ़ में ऑर्गन ट्रांसप्लांट शुरू हो चुका है। लेकिन, हार्ट या लंग्स का इम्प्लांटेशन अब तक नहीं हो सका है। कारण इस पर होने वाला भारी भरकम खर्च है। फिलहाल इसके लिए कोई सरकारी पैकेज भी नहीं नहीं है। ऐसे में स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (सोटो) ने इसे लेकर बड़ा कदम उठाया है।
बड़ा कदम: पैकेज का खाका तैयार करने बनाई टीम
सोटो ने हार्ट एंड लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए लोगों को सरकारी मदद मुहैया कराने के लिए आयुष्मान व मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता कोष के नोडल अधिकारी से बात की है। ट्रांसप्लांटेशन में आने वाले खर्च का खाका तैयार करने के लिए टीम बनाई है। इसका प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है। बता दें कि प्रदेश में अब तक 3 ब्रेन डेड मरीजों के ऑर्गन ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं। इनके दिल और फेफड़ों को छोड़कर बाकी सभी ऑर्गन्स का इस्तेमाल किया गया। हार्ट और लंग्स के लिए अस्पतालों में रजिस्टर्ड मरीज ही नहीं मिले।
मध्यम-गरीब परिवारों के खर्च संभव नहीं
जानकारों की मानें तो दूसरे इम्प्लांट के मुकाबले हार्ट-लंग्स ट्रांसप्लांट महंगा होता है। जो लोग यह खर्च उठाने में सक्षम हैं, वे दूसरे राज्यों या विदेशों में चले जाते हैं। जबकि, मध्यमवर्गीय और गरीब परिवारों के लिए इतना खर्च संभव नहीं है। ऐसे में सोटो हार्ट-लंग्स ट्रांसप्लांट में आने वाले खर्च का खाका तैयार कर रही है, ताकि मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता कोष और आयुष्मान के जरिए यह इलाज आसानी से करवाया जा सके।
हार्ट एंड लंग्स ट्रांसप्लांट को लेकर टीम बना रहे हैं। टीम खर्च का खाका तैयार कर रिपोर्ट सौंपेगी। इसी आधार पर विशेष सरकारी पैकेज स्वीकृत करने की मांग करेंगे।
- डॉ. विनीत जैन, स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन
Published on:
30 Apr 2023 01:09 pm
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