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खुलासा : निगम के 27 करोड़ घोटाले में सरकार की एंट्री , नेता व कंपनी शामिल

Raipur Breaking News : बता दें कि घोटाला फूटने के बाद निगम ने पिछले हफ्ते जांच टीम बनाई थी। 6 सदस्यीय इस टीम को एक हफ्ते में बताना था कि किनकी शह में भ्रष्टाचार का खेल सालों से चलता रहा।

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खुलासा : निगम के 27 करोड़ घोटाले में सरकार की एंट्री , नेता व कंपनी शामिल

खुलासा : निगम के 27 करोड़ घोटाले में सरकार की एंट्री , नेता व कंपनी शामिल

Raipur Breaking News : शहर में 27 करोड़ का यूनिपोल घोटाला हुआ। निगम ने इसकी जांच के लिए कमेटी बनाई। एक हफ्ते का समय दिया। सोमवार को इसकी मियाद खत्म हो गई। लेकिन, जांच टीम की ओर से कोई जवाब नहीं आया। (Raipur Breaking News) मामले में अब राज्य सरकार की एंट्री हुई है। नगरीय प्रशासन विभाग ने नए सिरे इसकी जांच करने 3 अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है।

टीम ने नहीं सौंपी रिपोर्ट

बता दें कि घोटाला फूटने के बाद निगम ने पिछले हफ्ते जांच टीम बनाई थी। 6 सदस्यीय इस टीम को एक हफ्ते में बताना था कि किनकी शह में भ्रष्टाचार का खेल सालों से चलता रहा। सोमवार को मियाद खत्म होने के बाद भी टीम ने कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी। इसी बीच राज्य सरकार ने खुद इस मामले की जांच का फैसला लिया है। इसके लिए सूडा के एडिशनल सीईओ आशीष टिकरिहा, चीफ इंजीनियर यूके धनेंद्र समेत 3 सदस्यीय जांच टीम बनाई गई है। (Raipur Breaking News) हालांकि, निगम द्वारा गठित जांच कमेटी भी अपना काम करती रहेगी। सूडा के एडिशनल सीईओ ने बताया कि यूनिपोल घोटाले में जांच के लिए उन्हें अधिकारी नियुक्त करने की जानकारी मिली है। फिलहाल वे छुट्टी पर हैं। 22 मई को ज्वाइन करने के बाद इन्वेस्टिगेशन में शामिल होंगे।

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कमिश्नर के छुट्टी में होने से अटकी जांच, आज करेंगे चर्चा

जांच कमेटी के संयोजक श्रीकुमार मेनन ने बताया, इस पूरे मामले में प्रशासनिक गड़बड़ी उजागर हुई है। इसकी रिपोर्ट टीम में शामिल अधिकारियों को तैयार करनी है। (Raipur Breaking News) निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी इस बीच छुट्टी में थे, जिससे दस्तावेज उपलब्ध नहीं हुए। इस वजह से जांच रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई। इस मामले में मंगलवार को आयुक्त से चर्चा करेंगे।

घोटाले में इनकी भूमिका अहम

अधिकारी

अधिकारियों को बेहतर पता होता है कि नियमों का उल्लंघन करने से क्या हो सकता है। (Raipur Breaking News) इसीलिए अधिकारियों ने बचते हुए फायदा कमाने के लिए नियमों को ही बदल डाला।


नेता

निगम अपनी शर्तें खुद तय करता है। लेकिन, यहां निगम के नियमों को बदलने के लिए कंपनी ने आधा दर्जन बार प्रस्ताव भेजा और सभी स्वीकार कर लिए गए। (Raipur Breaking News) बिना राजनीतिक दखल के ये संभव नहीं।

कंपनी

अपना फायदा कमाने के लिए कंपनी ने निगम से तो नियम बदलवाए ही। नियम बदलवाए बिना भी कई काम किए। जैसे तेलीबांधा एसी बस स्टॉपेज को 30 हजार रुपए किराए पर पान दुकान वाले को दे दिया।

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ऐसे हुआ घोटाला

ग्रेसफुल मीडिया कंपनी को 18 स्मार्ट टॉयलेट बनाने का ठेका मिला। हर टॉयलेट के अगल-बगल 2 यूनिपोल लगाने थे। यानी कुल 36। कंपनी ने 51 जगहों पर यूनिपोल लगवा दिए।

इसके अलावा शहर के 79 में से 46 मिनी यूनिपोल लगाने का ठेका भी इसी कंपनी को मिला। कंपनी ने तय साइज से बड़े यूनिपोल लगवाए। वो भी उन सड़कों पर जिसकी अनुमति ही नहीं मिली थी।

ग्रेसफुल मीडिया को 3 साल के लिए ठेका मिला था। (Raipur Breaking News) समयावधि खत्म होने के बाद भी कंपनी काम करती रही। जिम्मेदार चुप रहे। निगम को इससे 27 करोड़ से अधिक राजस्व का नुकसान हुआ है।

जांच कमेटी को सोमवार को अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी। अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। टीम से इस पर बात कर जवाब लूंगा।


-एजाज ढेबर, महापौर

महापौर खुद नहीं जानते कि घोटाला कितने का है? (Raipur Breaking News) कभी 27 करोड़ बोलते हैं, कभी 50 करोड़। सच ये है कि निगम में सिर्फ भ्रष्टाचार हो रहा है।


- मीनल चौबे, नेता प्रतिपक्ष