scriptछत्तीसगढ़ की सरकारी नौकरियों में 82 प्रतिशत आरक्षण के लिए अध्यादेश, कोर्ट ने मांगा जवाब | High court ask to government on 82 percent reservation in chhattisgarh | Patrika News

छत्तीसगढ़ की सरकारी नौकरियों में 82 प्रतिशत आरक्षण के लिए अध्यादेश, कोर्ट ने मांगा जवाब

locationरायपुरPublished: Sep 15, 2019 05:04:31 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

SC ST Reservation in Govt Jobs: भूपेश बाघेल सरकार ने अध्यादेश में अनुसूचित जाति के कोटा को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया है

छत्तीसगढ़ की सरकारी नौकरियों में 82 प्रतिशत आरक्षण के लिए अध्यादेश, कोर्ट ने मांगा जवाब

छत्तीसगढ़ की सरकारी नौकरियों में 82 प्रतिशत आरक्षण के लिए अध्यादेश, कोर्ट ने मांगा जवाब

रायपुर. SC ST Reservation in Govt Jobs: भूपेश सरकार राज्य की सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाकर उसे 82 प्रतिशत करने के लिए अध्यादेश ले आयी है। इस अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए दो याचिकाएं राज्य सरकार के खिलाफ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में दाखिल की गयी थी।

कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह की फिसली जुबान कहा – गड़बड़ करने वाले अफसरों को जूते से मारो

चंद्रप्रकाश सिंह ठाकुर और आदित्य तिवारी द्वारा अलग-अलग दायर इन याचिकाओं को स्वीकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश पी आर रामचंद्र मेनन और न्यायाधीश पी पी साहू ने शुक्रवार को सरकार को नोटिस जारी उनसे जवाब माँगा है और कहा कि 10 दिन बाद मामले की सुनवाई होगी।

चंद्रप्रकाश सिंह ठाकुर और आदित्य तिवारी द्वारा दाखिल याचिका में राज्य सरकार द्वारा चार सितंबर को जारी उस अधिसूचना को चुनौती दी गई है, जिसका शीर्षक है- “छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जन जातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) (संशोधन) आध्यादेश, 2019.” इसके तहत सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा को संशोधित करने की बात कही गई है।

बड़ा खुलासा: तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह थे 36 हजार करोड़ के नान घोटाले के मुख्य सूत्रधार

ठाकुर के वकील अनीश तिवारी के अनुसार अध्यादेश में अनुसूचित जाति के कोटा को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जनजातियों के लिए कोटा में कोई बदलाव नहीं किया गया है और ये 32 प्रतिशत पर यथावत है। अध्यादेश में आर्थिक रूप से गरीब तबकों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव भी किया गया है, जिसके बाद राज्य में कुल आरक्षण बढ़कर 82 प्रतिशत हो गया है।

अमित जोगी की पत्नी ने कहा- अगर मेरे पति को कुछ भी हुआ तो प्रदेश सरकार होगी जिम्मेदार

आपको बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक इसे 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। ऐसे में सरकार द्वारा लाया गया यह अध्यादेश सर्वोच्च न्यायलय के आदेश का उलंघन है।

ट्रेंडिंग वीडियो