
रंगो के त्यौहार पर कोरोना का खौफ, सूनी-सूनी होली में बेमौसम बारिश की आशंका
रायपुर। रंगो के त्यौहार पर इस मर्तबा बेमौसम की बारिश एवं कोरोना वायरस के डर ने कहर बरपाया हुआ है। होली के त्यौहार पर आपसी सौहाद्र बढ़ाने के लिए लोग एक दूसरे से गले मिलकर रंगो के त्यौहार की बधाई देते हैं, पर 85 देशों में अपना कहर बरपा रहा कोरोना वायरस के डर से लोग अब होली मे गले लगने से भी परहेज करने की बातें सांझा कर रहे है।
आज होलिका दहन किया जाएगा, अमूमन हा वर्ष होलिका दहन के एक सप्ताह पूर्व से ही शहर में रंगो की दुकान सज जाया करती थी, छोटे बच्चे सप्ताह भर पहले ही रंग एवं पिचकारियों से एक दूसरे को रंगना शुरू कर देते थे, तरह-तरह के रंगो से सजी दुकाने शहर के लिए आर्कषण का केन्द्र हुआ करती थीं, पर होलिका दहन के दिन तक शहर में इक्का दूक्का छोड़कर कहीं भी रंगो से सजी दुकानें दिखायी नही दे रही हैं। इस मर्तबा होली के त्यौहार पर कोरोना वायरस एवं बेमौसम की बारिश भारी पड़ रही है। लोग ना चाहकर भी इन दोनों चीजों से भी काफी डरे एवं परेशान है।
चाईनीज सामानों से परहेज
कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुआन नामक जगह से हुई है। इस कारण होली के त्यौहार पर रंगो से कोरोना फैलने की अफवाह से इंकार नही किया जा सकता। लोग अब इन अफवाहों से काफी डरे दिखाई दे रहे हैं। इस कारण शहर मे भी कोरोना का खौफ देखने को मिल रहा है। बडे छोटे सभी विदेशों से आने वाले रंग एवं पिचकारी का इस्तेमाल से परहेज करने की बात कह रहे हैं। सबसे अधिक डर चाईना से आने वाले रंग एवं पिचकारियों को लेकर है।
होली दहन का मुहुर्त
ज्योतिषाचार्य आनंद शर्मा ने बताया कि होलिका दहन मे भद्रा की छाया ना रहने के कारण होलिका दहन प्रदोष काल मे शाम 6 बजकर 26 मिनट से रात 8 बजकर 52 मिनट तक दहन की जा सकती, इसके पश्चात प्रदोष काल की समाप्ति हो जाती है, पर होलिका दहन इस समय के बाद भी सुविधा अनुसार किया जा सकता है।
क्या कहते हैं ज्योतिष
रंगो के त्यौहार पर कोरोना के खतरे से सहमे लोगो के लिए ज्योतिषाचार्यो की सलाह बेहद लाभदायक साबित हो सकती है। ज्योतिषाचार्यो ने ऐसे वायरसो से लोगों को ना डरने की सलाह दी। शहर के प्रमुख ज्योतिषाचार्य पं.आनंद शर्मा ने बताया कि होली का त्यौहार रंग एवं आपसी सौहाद्र का त्यौहार है, इसे कोरोना वायरस जैसी कोई भी बीमारी व्यथित नही कर सकती।
उन्होंने इको फ्रेंडली के मानक अनुसार होलिका दहन करने से कई बीमारियों के वायरस आसमान मे ही नष्ट हो जाने की बातें कहीं। उनका कहना था कि होलिका का दहन बुराई की समाप्ति के लिए किया जाता है, यदि लोग होलिका दहन करते वक्त उसमे टायर, प्लास्टिक जलाने से परहेज कर धार्मिक मान्यता के अनुसार कपूर, जावित्री एवं गोबर के उपले का प्रयोग करते हैं तो कई बीमारियों के वायरस स्वत: ही आसमान में नष्ट हो जाएंगे।
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Published on:
09 Mar 2020 04:05 pm
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