Amit Shah Visit CG: छत्तीसगढ़ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नवा रायपुर स्थित राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) के अस्थायी परिसर का भूमिपूजन और आई-हब रायपुर का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, रविवार छत्तीसगढ़ के लिए क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को आधुनिक और वैज्ञानिक बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक दिन है।
एनएफएसयू के अस्थायी परिसर के साथ-साथ नवा रायपुर में स्थायी परिसर के लिए भूमि पूजन एवं केंद्रीय फॉरेंसिक साइंस लैब की स्थापना की भी शुरुआत की गई है। कुल 268 करोड़ रुपए की लागत से ये संस्थान विकसित किए जा रहे हैं। शाह ने कहा, छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद 5 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों पर एमओयू हुए हैं, जिससे रोजगार, राजस्व और औद्योगिक संस्कृति को बल मिलेगा।
उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा, इन्होंने नक्सल विरोधी अभियान को निर्णायक गति दी है। उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा होगा कि वर्षा ऋतु में भी सुरक्षा बल सक्रिय हैं और नक्सलियों के खिलाफ अभियान नहीं रुकेगा। उन्होंने नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने और छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में शामिल होने की अपील की।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, यह दिन छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि आज एक साथ तीन महत्वपूर्ण संस्थानों की नींव रखी गई है जो प्रदेश को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, एनएफएसयू विश्व का पहला और एकमात्र विश्वविद्यालय है जो फॉरेंसिक साइंस, साइबर सुरक्षा, व्यवहार विज्ञान जैसे विषयों के अध्ययन के लिए पूर्णत: समर्पित है। यह संस्थान न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे मध्य भारत के लिए कानून व्यवस्था, न्यायिक प्रक्रिया और फॉरेंसिक अनुसंधान का सशक्त आधार बनेगा।
आई-हब की स्थापना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि यह प्लेटफॉर्म छत्तीसगढ़ के युवाओं को स्टार्टअप कल्चर से जोड़ने, तकनीकी सहायता देने, फंडिंग मुहैया कराने और मार्केटिंग एवं अनुबंध जैसी प्रोफेशनल सेवाएं देने में सहायक होगा। उन्होंने कहा, युवा खुद उद्योगपति बनें, स्टार्टअप शुरू करें और राज्य के औद्योगिक विकास में भागीदार बनें। भविष्य में रायपुर से भी कई वैश्विक स्टार्टअप उभरने की संभावना है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, एनएफएसयू का स्थाई परिसर तीन वर्षों में पूर्ण रूप से विकसित होगा, जिससे छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए फॉरेंसिक क्षेत्र में कॅरियर की असीम संभावनाएं खुलेंगी। इन संस्थानों के निर्माण से न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे मध्य भारत को आधुनिक न्याय प्रणाली और अपराध जांच में सशक्त आधार मिलेगा। नई फॉरेंसिक टेक्नोलॉजी, जैसे डीएनए फिंगर प्रिंटिंग, एलएसडी साइंस, साइबर सिक्योरिटी, बायोटेक्नोलॉजी और डिजिटल फॉरेंसिक अब स्थानीय स्तर पर सुलभ होंगी, जिससे जांच प्रक्रिया तेज और सटीक होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस कैंपस में फॉरेंसिक साइंस, डिजिटल फॉरेंसिक, साइकोलॉजी सहित विभिन्न विषयों में स्नातक, स्नातकोत्तर और अल्पकालिक पाठ्यक्रम संचालित होंगे। साइबर क्राइम, सड़क दुर्घटना विश्लेषण, मादक पदार्थों की जांच जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण से राज्य की कानून व्यवस्था को बल मिलेगा।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा एवं अरुण साव, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, निदेशक आसूचना ब्यूरो तपन कुमार डेका, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, परिसर निदेशक एनएफएसयू गांधीनगर के प्रोफेसर डॉ एसओ जुनारे सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।
Updated on:
23 Jun 2025 10:47 am
Published on:
23 Jun 2025 10:46 am