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अस्पतालों, ट्रस्ट और कॉम्प्लेक्स वालों ने बिजली दर में मांगी छूट

- विद्युत नियामक आयोग में दो दिनों तक चली सुनवाई, 40 से अधिक प्रकरण आए - अब प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं की निगाहें आयोग और 31 मार्च पर टिकीं

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अस्पतालों, ट्रस्ट और कॉम्प्लेक्स वालों ने बिजली दर में मांगी छूट

अस्पतालों, ट्रस्ट और कॉम्प्लेक्स वालों ने बिजली दर में मांगी छूट

रायपुर.छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग बिजली की नई दरें 31 मार्च 2020 को घोषित कर देगा, जो 1 अप्रैल 2020 से लागू भी हो जाएंगी। मगर इसके पूर्व आयोग ने बिजली कंपनियों द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रस्तावों को सार्वजनिक करते हुए आम लोगों से सुझाव मांगे थे। इसके लिए मंगलवार और बुधवार को आयोजित सुनवाई में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इनमें आम लोगों से लेकर पूर्व विधायक, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पदाधिकारी, रविभवन कॉम्प्लेक्स के दुकानदार और उद्योगपति भी थे। इनकी तरफ से बिजली की दरों में छूट की मांग की गई।

पत्रिका को मिली जानकारी के मुताबिक नवा रायपुर स्थित श्री सत्यसाईं हॉस्पिटल प्रबंधन ने दलील दी कि उनका संस्थान एक ट्रस्ट है। बगैर किसी प्रकार का इलाज का शुल्क लिए, 100 प्रतिशत नि:शुल्क इलाज मुहैया करवाया जाता है। इसलिए उन्हें बिजली दरों में रियायत दी जाए। तो वहीं डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था आईएमए ने कहा कि उन्हें भी छूट मिले। बहरहाल, आयोग के अध्यक्ष डीएस मिश्रा और दो सदस्यों ने सुनवाई करते हुए सभी को आश्वास्त किया कि आप सभी की मांगों, सुझावों और आपत्तियों पर विचार किया जाएगा।

गुणवत्ता का भी उठा मुद्दा- आम लोगों की तरफ से अधिवक्ता राजकुमार गुप्ता, रजा अहमद, श्याम काबरा और मोहन अंटी सुनवाई में शामिल हुए। इन्होंने बिजली की गुणवत्ता का मुद्दा उठाया। कहा कि बिजली कंपनियों द्वारा खरीदे जा रहे उपकरणों की गुणवत्ता मानकों पर होनी चाहिए, इसकी भी निगरानी की आवश्यकता है। साथ ही कहा कि बहुत ज्यादा बिजली गुल (पॉवर फेल) होता है। जिससे हर किसी को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह भी कहा गया कि उपभोक्ता पूरे महीने का डिमांड चार्ज क्यों दे? वह सिर्फ निर्धारित समय का ही लगना चाहिए।

किसानों की मांग- बीते वर्ष किसानों को आयोग से मिली राहत पर उन्होंने धन्यवाद तो दिया, मगर एक मांग रख दी। कहा कि पंप के कनेक्शन में ही उन्हें घरों में बिजली सप्लाई की अनुमति दी जाए।

3233 करोड़ का घाटा दर्शाया कंपनियों ने-बिजली कंपनियों ने इस बार प्रस्ताव रखने में देरी की तो आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर दिया। इसके बाद आयोग के समक्ष प्रस्तावों में कंपनियों ने 3233 करोड़ रुपए का घाटा दर्शाया। हालांकि कंपनियां सीधे दरों में वृद्धि की मांग नहीं कर सकती हैं, मगर इनके द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से दरों में वृद्धि की बात रखी गई। अब देखना यह है कि इस घाटे की भरपाई के लिए आयोग दरों का निर्धारण कैसे करता है?

सभी को सुनवाई का अवसर दिया गया था। काफी जागरूक लोग पहुंचे। जो सुझाव आए हैं, वे कमेटी के समक्ष रखे जाएंगे। हम 31 को बिजली की नई दरें जारी कर देंगे।

एसपी शुक्ला, सचिव, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग