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मकान-गार्डन तोडे़, 3.42 एकड़ जमीन खाली; प्रोजेक्ट भूले

Chhattisgarh News: रायपुर हाउसिंग बोर्ड ने शांति नगर कॉलोनी में अभी तक 3.42 एकड़ जमीन खाली करा लिया है। इसके बाद कई अधिकारी-कर्मचारियों को दूसरे जगहों पर मकान आवंटित किया गया।

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Chhattisgarh News: रायपुर हाउसिंग बोर्ड ने शांति नगर कॉलोनी में अभी तक 3.42 एकड़ जमीन खाली करा लिया है। इसके बाद कई अधिकारी-कर्मचारियों को दूसरे जगहों पर मकान आवंटित किया गया। अब प्रोजेक्ट बने तकरीबन चार साल बीत रहे हैं, लेकिन उस स्थान पर क्या बनाया जाएगा यह तय नहीं हो पाया है।

गृह विभाग के अधीन शांति नगर के खसरा क्रमांक 527 रकबा 12.85 एकड़ 529 रकबा 3.42 एकड़ एवं 1/1, 1/4, 73, 74/1 रकबा 20.75 कुल रकबा 37.02 एकड़ भूमि है। कॉलोनी में 295 अधिकारी-कर्मचारी रहते हैं। इस कॉलोनी में ई एवं एफ टाइप के 29 शासकीय आवास तोड़े जा चुके हैं।

इसके अलावा जल संसाधन विभाग के शांति नगर कॉलोनी के बने 78 जी टाइप, 134 एच टाइप एवं 64 आई टाइप कुल 266 भवनों को रिडेवलपमेंट योजना के लिए हाउसिंग बोर्ड को हस्तांतरित किया गया है। पूर्व योजना के मुताबिक बोर्ड सिंचाई विभाग को 3.76 एकड़ में 86.24 करोड़ की लागत से 320 मकान बनाकर देता। सिंचाई विभाग को देने के बाद बची हुई जमीन में हाउसिंग बोर्ड कमर्शियल प्रोजेक्ट, डुप्लेक्स और फ्लैट बनाकर आम लोगों को बेचता। सूत्रों का कहना है कि विभाग ने प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी है। जितनी जमीन खाली है उस पर ही नया प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा।

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प्रोजेक्ट को कैबिनेट ने दी थी मंजूरी

शांति नगर रिडेव्हलपमेंट योजना चार साल पहले बनाई गई थी। अभी भी योजना अधर में अटकी है। तकरीबन 100 साल पुरानी कॉलोनी को तोड़कर नए भवन सिंचाई विभाग को देने का प्लान नवंबर 2019 में तैयार किया गया था। अब इस भूमि पर नया प्रोजेक्ट लाने का प्लान तैयार करके हाउसिंग बार्ड भूल गया है। शांतिनगर पुनर्विकास योजना (मल्टीस्टोरी काम्पलेक्स) पर खुद मंत्रिमंडलीय उपसमिति की रिपोर्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दी थी।


सिंचाई कॉलोनी प्रोजेक्ट को बनाने की हड़बड़ी के लिए मकानों के अलावा गौरव गार्डन, तीरथगढ़ जलप्रपात का मॉडल वॉटरफाल को तोड़ दिया गया था। आम लोगों ने इसका विरोध भी किया था। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा था। गार्डन में तोड़फोड़ कर यहां के पेड़-पौधों को उखाड़कर दूसरी जगह शिफ्ट करने का दावा किया गया था। जो अब सूख गए हैं।

शासन के पास जा चुकी है रिपोर्ट

मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर और डॉ. शिव डहरिया की तीन सदस्यीय कमेटी ने एक साल पहले रिपोर्ट शासन को भेज दी है। इस योजना पर कोई फैसला नहीं हुआ है।

हाउसिंग बोर्ड की उप समिति बनाई गई है, जिसमें मंत्री मोहम्मद अकबर, ताम्रध्वज साहू और शिव डहरिया हैं उनके द्वारा रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। अभी सिंचाई कॉलोनी की तीन एकड़ भूमि पर कोई नए प्रोजेक्ट का प्लॉन किया जा सकता है।

कुलदीप जुनेजा, अध्यक्ष, हाउसिंग बोर्ड


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