scriptBREAKING: नान घोटाला मामले में IAS अनिल टुटेजा को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत | IAS Anil Tuteja gets bail from High Court in NAN scam case CG | Patrika News

BREAKING: नान घोटाला मामले में IAS अनिल टुटेजा को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

locationरायपुरPublished: Apr 29, 2019 03:07:03 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

इससे पहले टुटेजा ने 27 नवंबर को विशेष न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होनें कई महत्वपूर्ण बिंदूओं के आधार पर न्यायालय से अग्रिम जमानत देने की गुहार लगाई थी

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BREAKING: नान घोटाला मामले में IAS अनिल टुटेजा को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

रायपुर। नान घोटाले मामले में अभियुक्त बनाए गए आईएएस अनिल टुटेजा को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस आर पी शर्मा की बेंच ने सुनवाई करते हुए अग्रिम जमानत दे दी है। बता दें कि एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा ने फरवरी 2015 को नागरिक आपूर्ति निगम के 28 ठिकानों में छापा मारकर करोड़ों रूपए बरामद किए थे। इस मामले में 27 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
36 हजार करोड़ के नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले को लेकर एक बार फिर राजनीतिक गरमा गई है।नई सरकार बनने के बाद नान घोटाला उस समय सुर्खियों में आया जब इसके आरोपी आईएएस अनिल टुटेजा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर नान घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने छह पन्नों का पत्र सौंपकर कई ऐसे मसलों पर ध्यान आकर्षित करवाया कि मुख्यमंत्री को भी नान घोटाले की फाइल मंगवानी पड़ी। टुटेजा ने अपने पत्र में यह भी आरोप लगाया है कि कई प्रभावशाली नेताओं को बचाने के लिए मुझे फंसा दिया गया। उन्होंने पत्र में लिखा है कि नान में उनकी नियुक्ति सात से आठ माह पहले से हुई थी। जबकि गड़बडिय़ां लंबे समय से चल रही थी।
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आईएएस अधिकारी डा.आलोक शुक्ला और नान के तत्कालीन एमडी अनिल टुटेजा के खिलाफ अभियोजन चालान के लिए राज्य सरकार ने केंद्र को चिट्ठी लिखी थी। 4 जुलाई 2016 को केंद्र ने अभियोजन की अनुमति दे दी थी, बावजूद इसके राज्य शासन ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। ऐन चुनाव के पहले करीब ढाई साल बीतने के बाद राज्य सरकार ने पूरक चालान पेश करते हुए दोनों ही आईएएस अधिकारियों के नाम शामिल किए थे।
अनिल टुटेजा के अग्रिम जमानत याचिका लगाते हुए कोर्ट से कहा था कि एफआईआर में नाम दर्ज नहीं है। 5 दिसंबर 2018 को पूरक चालान पेश कर नाम जोड़ा गया, इससे ना तो पुलिस ने गिरफ्तार किया और ना ही किसी तरह से पूछताछ के लिए बुलाया। 30 महीने बाद एफआईआर दर्ज किया गया। तमाम पहलूओं को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अनिल टुटेजा को अग्रिम जमानत दे दी है।
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