
दो नाटक: पहले में नारी उत्पीडऩ और दूसरे में गल्र्स की मनमानी को बताया
रायपुर। आमतौर पर हम महिला उत्पीडऩ या छेड़छाड़ की बातें सुनते या पढ़ते हैं लेकिन गल्र्स ने नाटक के जरिए बताया कि कई बार लड़कियां अपने अधिकारों का फायदा उठाती हैं और बेकसूर लड़कों को बेवजह सजा दिलाती हैं। रविवि में यूथ फेस्टिवल के आखिरी दिन एक्टिंग कॉम्पीटिशन था। इसमें स्टूडेंट्स ने ज्वलंत मुद्दों पर संदेशपरक अभिनय किया। विवेकानंद महाविद्यालय की अताशी नायर, विधि, चंचल और सिमरन ने प्ले में बताया कि एक लड़की मोबाइल पर बातें करते हुए बीच रास्ते में कार खड़ी कर देती है। वहां से गुजर रहे एक लड़का जब आपत्ति जताता है तो उल्टे उससे भिड़ जाती है और छेडख़ानी का आरोप लगाने की धमकी देती है। टीम के साथ आईं उन्नति चौहान ने बताया कि छात्राओं ने देश की कई समस्याओं पर एक्ट किया जैसे अपनी भाषा को इग्नोर करना, सफाई का ध्यान नहीं रखना।
चीख में दिखाया महिलाओं का शोषण
रविवि के विद्यार्थियों ने चीख नाटक के जरिए महिलाओं पर पूंजीवाद का प्रहार दिखाया। इसमें एक ऐसे गांव की कहानी रहती है जहां बाहूबलियों द्वारा महिलाओं का शोषण आम बात होती है। डर के कारण कोई विरोध नहीं करता। लेकिन जब ठाकुर का कहर बढ़ता है तो सभी एकजुट हो जाते हैं। देवेंद्र, दीपक, ताकेश्वर, सुमित, देव, माधवी, सोनाली, सोनिया और नीलम ने अभिनय किया। डायरेक्टर नीलमणी रहे जबकि राइटर देवेंद्र कंडरा ने किया।
Published on:
10 Nov 2019 01:12 pm
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