
इंटरनेशनल सट्टा गिरोह का पर्दाफाश: भिलाई का सटोरिया दुबई में बैठकर रायपुर में खिला रहा सट्टा
रायपुर. दुबई से सुनियोजित ढंग से छत्तीसगढ़ के कई जिलों में खासतौर पर रायपुर, दुर्ग-भिलाई में रोज करोड़ों का ऑनलाइन सट्टा खिलाए जाने के अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस के मुताबिक सटोरियों का सरगना मूलत: भिलाई निवासी सौरभ और रवि दुबई में बैठकर काम में अंजाम देते थे। इसका खुलासा तब हुआ जब रायपुर पुलिस ने सिविल लाइन इलाके के तरुण नगर के एक मकान में छापा मारकर एक साथ 18 सटोरियों को गिरफ्तार किया।
आरोपियों के पास करोड़ों रुपए के सट्टा बुकिंग का हिसाब वाले दस्तावेज बरामद हुए हैं। यहां लोगों को आईडी देकर कई राज्यों में ऑनलाइन सट्टा चलाया जा रहा था। यह एक तरह से फ्रेंचाइजी देने जैसा है। इसमें ऑनलाइन सट्टा के अलावा काटपत्ती, तीन पत्ती जुआ, क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल मैच जैसे मोबाइल एप और ऑनलाइन गेम भी चलाते थे, जिसमें रोज करोड़ों रुपए का दांव लेते हैं। जिन राज्यों में चुनाव होता है, वहां के लिए एक्जिट पोल में भी पैसा लगवाते थे। इसके साथ क्रिकेट, फुटबाल, हॉकी में भी दांव के सबूत मिले हैं। आरोपियों के खिलाफ जुआ एक्ट और प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है।
ऐसे हुआ मामले का पर्दाफाश
पुलिस के मुताबिक मंगलवार की रात तेलीबांधा पुलिस को कार में घूम-घूम कर सट्टा लिखने की सूचना मिली। इसके बाद तेलीबांधा पुलिस और साइबर सेल की टीम कार की तलाश में लग गई। अवंति विहार के शीतला तालाब के पास कार सीजी 13 डब्ल्यू 9335 खड़ी मिली। पुलिस ने कार सवार विकास अग्रवाल, सचिन अग्रवाल और अनिल उर्फ अतुल अग्रवाल को बाहर आने कहा।
पुलिस को देखकर युवकों ने अपना लैपटॉप व मोबाइल तत्काल बंद कर दिया। पुलिस ने उनके लैपटॉव व मोबाइल की जांच की, तो उसमें दुबई से आईडी लेकर ऑनलाइन सट्टा बुकिंग का खुलासा हुआ। पुलिस ने तीनों युवकों से थाने में कड़ाई से पूछताछ की। बत युवकों ने बताया कि तरुण नगर में किराए का मकान लेकर वे ऑनलाइन सट्टा चलाते हैं। पुलिस ने आरोपियों के बताए मकान में छापा मारा। छापे में 10 करोड़ से ज्यादा सट्टा बुकिंग का रिकॉर्ड मिला।
ऑनलाइन पेमेंट के जरिए भुगतान
पुलिस के मुताबिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि दुर्ग-भिलाई निवासी रवि और सौरभ दुबई में बैठकर बड़े पैमाने पर सट्टा चलाते हैं। वह अलग-अलग शहर के सटोरियों को पैसे लेकर आईडी-पासवर्ड देता है। आईडी लेने वाले को वर्चुअल क्वाइंस भी जारी किए जाते हैं, जो दूसरे ऑनलाइन बुकिंग करने वालों को देता है। बाद में हार-जीत होने पर वर्चुअल क्वाइंस के आधार पर इलेक्ट्रानिक माध्यम जैसे फोन पे, पेटीएम आदि से भुगतान करते हैं। कटपत्ती, तीनपत्ती जैसे जुएं और अलग-अलग खेल के नाम से मोबाइल एप बनाकर रखे हैं। इसमें भी दांव लगवाते थे।
राजधानी में डुप्लेक्स बंगले को बना रखा था अड्डा
रायपुर में ऑनलाइन सट्टे की आईडी विकास अग्रवाल, अनिल और सचिन अग्रवाल ने ली थी। तीनों रायगढ़ और बिलासपुर के रहने वाले हैं, लेकिन सिविल लाइन इलाके के तरुण नगर में डुपलेक्स मकान किराए पर लिया था। इसके बाद बिहार के आरोपियों को बुलाकर सट्टा और जुए के अलावा अन्य हार-जीत वाले मोबाइल एप को ऑपरेट करवा रहे थे। पुलिस को चुनाव एग्जिट पोल में भी दांव के सबूत मिले हैं।
इनकी हुई गिरफ्तारी
विकास अग्रवाल, सचिन अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, दीपक कुमार मेहता, राकेश कुमार सिंह, हेमराज, राकेश कुमार मेहता, अशोक कुमार मेहता, मिथिलेश कुमार, खिलेश्वर नामदेव, विक्की कुमार, सुड्डू कुमार, अजय कुमार मेहता, सर्वेश, श्रीकांत कुमार, श्रवण कुमार, पांडव, हरिनंदन कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पैसा हवाला में, बार-बार बदलते हैं बैंक खाता
पुलिस ने जांच में पाया कि सौरभ-रवि ने अलग-अलग नाम से अलग-अलग बैंक खाता खोल रखा है। इन खातों में सट्टा और जुए की बड़ी राशि आती है। मोटी रकम आने के बाद बैंक खातों को बंद कर देता है। बाद में फिर नए खाते खोलकर उसमें रकम जमा करवाते हैं। पूछताछ में पैसा हवाला में भी खपाने की जानकारी सामने आई हैं।
रायपुर तेलीबांधा थाना के टीआई सोनल ग्वाला ने कहा, सट्टे की सूचना पर पुलिस ने छापा मारकर 18 सट्टेबाजों को पकड़ा है। इसका सरगना सौरभ और रवि हैं, जो दुबई में बैठकर लोकल सटोरियों को आईडी देते हैं। पुलिस आरोपियों के कुछ बैंक खातों की जांच कर रही है।
Updated on:
08 Jul 2021 10:04 am
Published on:
08 Jul 2021 09:47 am
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