
तबादले पर आईपीएस उदय किरण ने तोड़ी चुप्पी, कहा- इस वजह से हुई विधायक की पिटाई
आवेश तिवारी@रायपुर. यूपीएससी में गुंडे पास नहीं होते, यूनिवर्सिटी में जब मेरे दोस्त मोबाइल में लगे होते थे, तब मैं दिन-रात पढ़ाई किया करता था। मुझे केवल पढ़ाई करनी थी। अगर मेरे भीतर गुंडा प्रवृति होती तो मैं आइपीएस नहीं बन पाता। यह बातें 2015 बैच के टॉपरों में से एक और महासमुंद विधायक विमल चोपड़ा की पिटाई मामले से चर्चा में आए आइपीएस उदय किरण ने ‘पत्रिका’ से कहीं। दुर्ग एसटीएफ़ में तबादला कर दिए गए ट्रेनी आइपीएस उदय किरण ने बातचीत में कहा कि विधायक विमल चोपड़ा ने 2 घंटे 50 मिनट तक हमें परेशान किया। मुझे सबके बीच डांटा और वह लगातार हमें बलात्कारी और साइकोटिक कहते रहे।रूल आफ लॉ कहता है, कानून का राज कायम रखो और इसके लिए कलम और डंडे का इस्तेमाल करो और मैं जहां भी रहूंगा, कानून का राज कायम रखूंगा।
विवादों पर खरी खरी : अभी मेरा कार्यकाल केवल 6 महीने का रहा है। मैं तो अभी जनता को कुछ कहने के स्टेज में भी नहीं हूं। मुझे छत्तीसगढ़ अगले 30 साल तक रहना है। पूरा छत्तीसगढ़ ही मेरा घर हैं। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता मेरी नियुक्ति कहां होती है। मुझे ख़ुशी है कि मुझे सरकार ने एसटीएफ में काम करने का मौका दिया है। मुझे दु:ख होता है जब मेरे खिलाफ अफवाहें उड़ाई जाती हैं। मैं तो अभी प्रोबेशन में हूं। यह सच्चाई है कि छत्तीसगढ़ में मैंने कामकाज में कोई भी राजनीतिक दबाव नहीं देखा है।
महासमुंद के मामले में आइपीएस उदय किरण ने बताया कि विधायक विमल चोपड़ा द्वारा पुलिस पर छेडख़ानी के मामले में नाबालिग बच्चों पर मुकदमा दर्ज करने का दबाव डाला जा रहा था। इस मामले में हमारे द्वारा एफआइआर न करने की वजह यह थी कि नाबालिग बच्चों पर पुलिस किसी भी कीमत पर मुकदमा दर्ज नहीं कर सकती हैं, क्योंकि यह संविधान के विरुद्ध है। जब एफआइआर नहीं होती, तो हम उसकी शिकायत लेते हैं। दूसरी चीज यह है कि विधायक द्वारा सबइंस्पेक्टर के खिलाफ भी लगातार मुकदमा दर्ज कराने को भी कहा जा रहा था। उन लोगों ने आरोप लगाया कि सबइंस्पेक्टर ने थप्पड़ मार दिया है। जबकि पुलिस एक्ट में हमें प्रोटेक्शन में मिला हुआ है कि एक्शन इन गुड फेथ, जिसके अंतर्गत हम किसी भी मामले में प्रारम्भिक जांच करके ही मुकदमा दर्ज करने का निर्णय ले सकते हैं। तीसरी बात कोई भी लिखित शिकायत नहीं की गई थी। मुकदमा न दर्ज करने के पीछे यही तीन तकनीकी दिक्कते थीं। लेकिन इसे विधायक विमल चोपड़ा ने अहम का सवाल बना लिया।
विधायक को पीटे जाने के पीछे की वजह केवल यह थी कि जब हमने मुकदमा दर्ज करने से मना कर दिया था तो उन्होंने करीब तीन घंटे तक हमें परेशान किया। हम उन्हें समझाते रहे लेकिन वो लगातार नाबालिगों और सबइंस्पेक्टर पर मुकदमा दर्ज कराने की अपनी बात पर अडिग रहे। इस दौरान विधायक महोदय की वजह से थाने का शासकीय काम रोक दिया गया। शासकीय अधिकारी को लगातार धमकी दी जाती रही, जबकि मैंने उन पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की। इसके बाद कोई भी विकल्प शेष नहीं बचा था।
हम रूल आफ लॉ को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रूल ऑफ लॉ कहता है कि कानून के सामने सभी बराबर हैं, न कोई बड़ा है न कोई छोटा है। डंडा पीट कर सबको मारना हमारा इरादा नहीं होता। कानून में जो तौर-तरीके हैं, वो हमें मानने होते हैं। हमें जनता के लिए काम करना है। हमें तो सहयोग चाहिए आम जनता का भी और जनप्रतिनिधियों का भी।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, आइपीएस उदय किरण पर कार्रवाई के लिए भाजपा-कांग्रेस समेत सभी दलों के आवेदन मिले थे। इसके बाद पूरी प्रक्रिया के बाद यह कार्रवाई हुई है। सीएम ने इशारो में विधायक विमल चोपड़ा को भी नसीहत दे डाली। सीएम बोले, गलती कभी भी एक पक्ष की नहीं होती, हमेशा दोनों पक्षों के बीच तनातनी की स्थिति होती है, तभी ऐसी नौबत आती है। हमें भी अपने व्यवहार को संयमित रखने की जरूरत है।
Published on:
01 Jul 2018 09:58 am
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