ठिकानों को फोकस में रखते हुए जांच की जा रही है। तलाशी के दौरान उनके ठिकानों से करोड़ों की प्रॉपर्टी, लेनदेन, ज्वेलरी और जमीन के दस्तावेज मिले हैं। इसका मूल्यांकन करने के साथ ही हिसाब मांगा गया है। बता दें कि 31 जनवरी की सुबह आयकर विभाग छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की संयुक्त टीम ने रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बालोद, अंबिकापुर, और रायगढ़ स्थित 45 ठिकानों पर छापामारा था। इसमें पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के साथ ही उनके परिजनो और करीबी लोगों के रायपुर, अंबिकापुर एवं रायगढ़ में घर, दफ्तर और फैक्ट्री के साथ ही भिलाई-दुर्ग में रियल एस्टेट कारोबारी, राइस मिलर के ठिकाने शामिल थे। आयकर विभाग के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि लगातार मिल रही गड़बडी़ को देखते हुए अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात किया गया है। छापे की यह कार्रवाई भोपाल से आयकर विभाग के महानिदेशक की निगरानी में की जा रही है।
बैंक ट्रांजेक्शन और जमीन की जानकारी मांगी IT Raid: पूर्व मंत्री भगत, उनके परिजनों और करीबी लोगों के बैंक खातों, प्रॉपर्टी और निवेश के संबंध में बैंकों से जानकारी मांगी गई है। वहीं जमीन खरीदी के रेकॉर्ड पंजीयन विभाग से मांगे गए हैं। बताया जाता है कि तलाशी में अधिकांश जमीनों की खरीदी पिछले 5-6 साल में की गई है। आयकर विभाग द्वारा इसमें से अधिकांश के बेनामी होने की आशंका जताई है। बता दें कि कोल स्कैम में जेल भेजे गए सूर्यकांत तिवारी की एक डायरी ईडी को मिली थी, इसमें 50 लाख रुपए अमरजीत भगत को दिए जाने का जिक्र है। इसे देखते हुए ईओडब्ल्यू में 17 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
करीबी लोगों से पूछताछ आयकर विभाग की टीम पूर्व मंत्री भगत के करीबी माने जाने वाले 12 लोगों से पूछताछ कर उनका बयान ले रही है। इसमें कारोबारी और उद्योगपति, उनके पुत्र की पाइप फैक्ट्री और क्रेशर प्लांट में काम करने वाले अधिकारी शामिल हैं।