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सुरक्षा के लिए जूडो सबसे बेहतर, आत्मरक्षा है जरूरी

हम जिस मदर लैंड में रहते हैं उसे भारत माता कहा जाता है। लेकिन इसी मदर लैंड में लड़कियां असुरक्षित भी हैं।

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हम जिस मदर लैंड में रहते हैं उसे भारत माता कहा जाता है। लेकिन इसी मदर लैंड में लड़कियां असुरक्षित भी हैं। ऐसे में हमारे देश में लड़कियों के लिए जूडो अनिवार्य कर देना चाहिए। जिससे शक्ति स्वरूपा कहे जाने वाली लड़कियां अपने साथ-साथ दूसरों की भी सुरक्षा कर सकें। ऐसा कहना है जूडो के नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट राहुल भारती का। उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश...

देश भर के तकरीबन कई सारे राज्यों में जा चुका हूं और हर जगह महिलाओं को बचाने उनको सुरक्षा देने की बात कही जाती है। लेकिन हम लोग ही कई दिनो तक हर वर्ष देवियों के शक्ति स्वरूपों की पूजा भी करते हैं। इन सबसे बहुत कंफ्यूज रहता हूं कि कैसे दो तरह की बाते कर सकते है हम लोग। एक तरफ सुरक्षा की भीख मागी जाती है और दूसरी तरफ, इसी लिए मैने कहा।

जब बारह वर्ष का था तभी से स्कूल में ही ज्वाइन किया था। बचपन से ही रेसलिंग करने का शौक था और कराटे सीखना चाहता था।

जब सीखना शुरू किया उसके दो साल बाद ही दुर्ग में हुए सब जूनियर चैंपियनशिप में पार्टिसिपेट किया जिसमें मुझे ब्रॉजं मेंडल मिला था।

आठ से ज्यादा स्टेट खेल चुका हूं जिसमें पहले को छोडकऱ सभी में गोल्ड मेडल मिले हैं। इसके अलावा चौदह से ज्यादा नेशनल लेवल के चैपिंयनशिप में पार्टिसिपेट कर चुका हूं। जिनमें स्कूल, युनिवॉर्सिटी और ओपन चैपिंयनशिप शामिल हैं। अभी आठ मार्च को सीनियर नेशनल खेलने जम्मू कश्मिीर जा रहा जहां से गोल्ड जीत कर आऊंगा।

सेना में जाना चाहता हूं। इसके साथ ही देश के लिए ओलंपिंक और इंटरनेशनल लेवल के सभी प्लेटफार्म पर देश के लिए गोल्ड लाना है।